मिड डे मील मांगने पर हेडमास्टर ने कहा, जहां जाना है जाओ, नहीं मिलेगा

सदर प्रखंड के करहसी राजकीय बुनियादी मध्य विद्यालय के हेडमास्टर से सोमवार की दोपहर बच्चों ने मध्याह्न भोजन की मांग की. इस पर हेडमास्टर शंकर तिवारी ने बच्चों को डांट दिया और कहा कि जहां जाना है जाओ.

मध्याह्न भोजन नहीं मिलेगा. यह सुनते ही विद्यालय के बच्चे आक्रोशित हो गये और थाली पीटते हुए नौ किलोमीटर की दूरी तय करते हुए समाहरणालय पहुंच गये. इससे समाहरणालय में अफरातफरी मच गयी. सभाकक्ष में बैठक करते डीएम ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी शिशिर कुमार मिश्रा को मामला समझने के लिए भेजा.

डीएसओ ने बच्चों की बात सुनते हुए मध्याह्न भोजन प्रभारी को बुलाया. इसके बाद बच्चों का आक्रोश शांत हुआ. प्रशासन की देखरेख में बच्चों को वापस घर भेजा गया. सभी बच्चे भूखे पेट ही डीएम से मिलने के लिए निकल पड़े. कई बच्चे नंगे पांव ही थे. आक्रोशित बच्चों ने बताया कि गरीब परिवार से संबंध रखते हैं. मां-बाप मजदूरी व खेती का काम करते हैं.

मामला बक्सर के करहसी राजकीय बुनियादी मध्य विद्यालय का

आक्रोशित बच्चों का आरोप

राजकीय बुनियादी विद्यालय, करहसी के छात्र लक्ष्मण कुमार, बलवीर कुशवाहा, बबलू भगत, धनजी राम, रितेश कुमार गुप्ता, विकास कुमार, प्रिंस कुमार, बॉबी देवल भगत, ध्रुव कुमार समेत अन्य ने बताया कि विद्यालय में समय से मध्याह्न भोजन नहीं मिलता है. भोजन की मांग करने पर मारपीट की जाती है.

जांच के बाद होगी कार्रवाई : डीएम के आदेश पर करहसी राजकीय बुनियादी मध्य विद्यालय की जांच की जायेगी. दोषी पाये जाने पर शिक्षक व हेडमास्टर को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा. बच्चों को भूखे पेट रखना व बेहतर शिक्षा प्रदान नहीं करना संगीन मामला है. इसकी सख्ती से जांच होगी. बृज बिहारी सिंह, डीपीओ (मध्याह्न भोजन)

हेडमास्टर की सफाई

बच्चों की शिकायत व समाहरणालय पहुंच कर प्रदर्शन करने के मामले में हेडमास्टर शंकर तिवारी ने कहा कि राजनीति के तहत हमें फंसाने का प्रयास किया जा रहा है. स्कूल समय से खुलता है और मध्याह्न भोजन भी दिया जा रहा है. बच्चों को समय से मध्याह्न भोजन दिया जाता है. राजनीति के तहत कुछ लोगों ने बच्चों को बहका कर समाहरणालय भेज दिया.

संवाददाता, ऋषभ अरोड़ा

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