आखिर किसके आदेश पर सैम पित्रोदा ने दिया इस्तीफा ?

गांधी परिवार के खास ,कॉंग्रेस ओवेरसीज के अध्यक्ष सैम पित्रोदा का इस्तीफा उनके बयान से लगातार उठ रहे बयान के बाद आखिरकार कॉंग्रेस पार्टी ने उनका इस्तीफा ले ही लिया । माना जा रहा है कि इस चुनावी मौसम में सैम पित्रोदा अपने बयानों की वजह से कॉंग्रेस पार्टी के लिए भस्मासुर बनाते जा रहे थे ! हालांकि कॉंग्रेस पार्टी हर बार उनके बयान को निजी बयान बना कर किनारा कर रही थी लेकिन बुधवार को सामने आया उनका बयान 2024 के चुनाव के लिहाज से कॉंग्रेस पार्टी और गांधी परिवार दोनों के लिए मुसीबत गया था ।
सूत्रों की माने तो सैम पित्रोदा का लगातार आ रहा विवादित बयान गांधी परिवार के लिए आत्मघाती बनता जा रहा था और राजनीति गरमा रही थी । पहले विरासत टैक्स और अब भारतीय नस्ल पर अलग अलग देशों से जोड़ते हुए पित्रोदा के रंगभेदी टिप्पणी से किनारा करना कॉंग्रेस के लिए मुश्किल हो गया था । वैसे इस बयान के बाद उम्मीद यही की जा रही थी के पार्टी अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खड़गे जल्द ही सख्त एक्शन लेते हुए न सिर्फ पद बल्कि पार्टी से भी टर्मिनट करेंगे । लेकिन सैम पित्रोदा गांधी परिवार के बेहद खास हैं ऐसे उन्हें इस तरह से हटाने में मुश्किल हो रहा था। अंततः कॉंग्रेस के शीर्ष नेताओं ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर उनके बयान से होने वाले नुकसान से उन्हें अवगत करवाया और ये निर्णय लिया गया कि उनसे तत्काल प्रभाव के साथ इस्तीफा लिया जाए । फेस सेविंग की पॉलिसी पर चलते हुए राहुल और सोनिया गांधी ने उन्हे इस्तीफे देने को कहा और कॉंग्रेस के मीडिया इंचार्ज जयराम रमेश ने सफाई देते हुए ट्वीट कर के मीडिया को उनके इस्तीफे के बारे में बताया । अपने ट्वीट में जयराम रमेश ने कहा कि सैम पित्रोदा ने अपनी मर्जी से इंडियन ओवेरसीज के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है और कॉंग्रेस अध्यक्ष ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है ।
उल्लेखनीय है कि सैम पित्रोदा एक विवादित बयान देते हुए कहा था कि भारत विविधताओं का देश है जिसके उत्तर-पूर्वी और पूर्वी हिस्से के लोग चीनी ,उत्तर भारत के लोग अमेरिकी , दक्षिण भारतीय अफ्रीकी और पश्चिम भारत के लोग अरब नागरिकों जैसे दिखते हैं। उनके बयान पर बीजेपी ने सवाल किया था कि क्या कॉंग्रेस पार्टी ये चुनाव विदेशी ताकतों के साथ लड़ रही है और चीन की मंशा को हवा दे रही है ।
“बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने स्वदेश को दिए अपने बयान में कहा कि राहुल गांधी के विदेश यात्रा को मैनेज करने वाले पित्रोदा के ये बयान साफ दर्शा रहे हैं कि कॉंग्रेस की राजनीति अब देश विरोधी हो चुकी है जो भारत के दुश्मन विदेशी ताकतों के इशारों पर चल रही है और सैम पित्रोदा उसके सूत्रधार हैं। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि “भारत के अलग अलग हिस्से के लोगो को अफ़्रीकी ,चीन, अरब और अमेरिका के जैसा बताने का मतलब है कि कॉंग्रेस भारत को जोड़ने नहीं बल्कि कभी धर्म, कभी जाती और अब रेस के नाम पर तोड़ने का काम कर रही है । राहुल गांधी ये मुहब्बत की दुकान नहीं बल्कि नफरत के बाजार हैं। सैम पित्रोदा का बयान रीसिज्म से भरा हुआ है ।“

भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधांशु त्रिवेदी ने भी पित्रोदा की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि “जैसे-जैसे लोकसभा का चुनाव आगे बढ़ रहा है, विपक्ष का मुखौटा उतरता जा रहा है। कॉंग्रेस अब बेनकब हो चुकी है । कांग्रेस सैम पित्रोदा के इस बयान से कैसे किनारा कर सकती है क्योंकि सैम पित्रोदा खुद कॉंग्रेस हैं , वो ओवेरसीज कॉंग्रेस के अध्यक्ष हैं । उनके बयान पर राहुल गांधी , सोनिया गांधी और अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खड़गे भी चुप्पी साधे हुए हैं और कोई तीसरा व्यक्ति किनारा करने की बात कर रहा है इससे साफ़ नज़र आ रहा है कि कांग्रेस पार्टी विदेशी हाथों में खेल रही है । ऐसा नहीं चल सकता कि पहले मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा और अब विवाद बढ़ने पर कर लिए किनारा। “
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पित्रोदा के विवादास्पद बयानों को कांग्रेस की विभाजनकारी मानसिकता करार दिया । उन्होंने सवाल किया कि क्या तमिल संस्कृति और गौरव के लिए द्रविड़ मुनेत्र कषगम यानि द्रमुक पार्टी अपने सहयोगी प्रमुख विपक्षी पार्टी से उनके इस बयान पर नाता तोड़ेगी? पीएम मोदी ने कहा कि गांधी परिवार के करीबी और शहजादे के सबसे बड़े सलाहकार ने जो कहा वह बहुत शर्मनाक है।
बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है कि गांधी परिवार के बेहद खास , सैम पित्रोदा अपने बयानों को लेकर विवादों में है और कॉंग्रेस बैक फुट पर। अक्सर सैम पित्रोदा के विवादित बयान कॉंग्रेस पार्टी के लिए भस्मासुर का काम करती रही है ।
सैम पित्रोदा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर एक विवादित बयान दिया था। पित्रोदा ने 1984 के दंगा को सबसे बड़ा झूठ बताते हुए कहा था कि 1984 दंगा हुआ जो हुआ’सो हुआ अब हमें उससे आगे बढ़ाना होगा जिसपर खूब विवाद हुआ था ।
सैम पित्रोदा ने ऐसा ही एक और विवादित बयान अप्रैल 2019 में दिया था जिसमें पित्रोदा माध्यम वर्गीय परिवारों को निशाना साधते हुएकहा था कि मिडिल क्लास के लोग स्वार्थी होते हैं। मिडिल क्लास को सबसे अधिक अवसर और रोजगार मिलें हैं । लेकिन वो संतुष्ट नहीं होते हैं ।
फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी। लेकिन पित्रोदा ने इस एयरस्ट्राइक पर भारत सरकार पर सवाल उठाए थे। पित्रोदा का ये बयान पाकिस्तान के हिमायती के रूप में नजर आया था । उन्होंने कहा था कि पुलवामा जैसे हमले होते रहते हैं । कुछ मुट्ठीभर लोगों द्वारा किये हमले की वजह से पाकिस्तान के सभी नागरिकों को जिम्मेदार ठहराना गलत है। उन्होंने भारत सरकार से बालाकोट एयस्ट्राइक ऑपरेशन के सबूत भी मांगे थे ।
जून 2023 में भी सैम पित्रोदा के एक बयान से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। उन्होंने कहा था कि मंदिरों से बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी भारत की की समस्याओं का हल नहीं निकलता है । मंदिर कुछ हद तक अपराध का केंद्र होता है । पित्रोदा ने ये बयान अमेरिका में राहुल गांधी की मौजूदगी में दिया था।
गौरतलब है कि सैम पित्रोदा राजीव और सोनिया गांधी के बेहद करीबी माना जाते रहे हैं। राजीव गांधी की वजह से ही सैम पित्रोदा की भारत की राजनीति में एंट्री हुई थी । 1987 में प्रधान मंत्री राजीव गांधी के सलाहकार के रूप भारत की राजनीति में नजर आए थे । सैम पित्रोदा का पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है। लेकिन सोनिया गांधी को खुश करने के लिए उन्होंने अपने आप को सैम कहलवाना ज्यादा पसंद किया । साल 2017 में राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें इंडियन ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था ।

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