11 मई को इंडिया हैबिटेट सेंटर में दिखाई जायेगी, निर्देशक प्रवीन अरोड़ा की फिल्म ‘ढाई आखर’

फ़िल्म ढाई आखर, प्रवीन अरोड़ा द्वारा निर्देशित और कबीर कम्युनिकेशंस और आकृति प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले निर्मित एक हिन्दी फीचर फिल्म है। कई प्रतिष्ठित फ़िल्म फ़ेस्टिवल में शानदार प्रदर्शन के बाद अब इस फिल्म का आधिकारिक चयन हैबिटेट फिल्म फेस्टिवल 2024 में हुआ है। ये फ़िल्म स्टीन ऑडिटोरियम, इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में 11 मई 2024 को शाम 4:00 बजे दिखाई जाएगी। नि:शुल्क प्रवेश के लिए दर्शकों को www.habitatworld.com पर जाकर अग्रिम रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

हिंदी के वरिष्ठ लेखक अमरीक सिंह दीप के उपन्यास ‘तीर्थाटन के बाद’ पर आधारित फीचर फिल्म ‘ढाई आखर’ हर्षिता नाम की एक ऐसी महिला की कहानी है, जो वर्षों तक घरेलू हिंसा और अपमानजनक वैवाहिक जीवन की शिकार रही। वह पत्रों के माध्यम से एक नामी लेखक श्रीधर के करीब आती है। लेकिन विधवा होने वजह से उनका ये संबंध पितृसत्तात्मक समाज और परिवार को स्वीकार नहीं होता। इस फ़िल्म के केंद्र में है हर्षिता द्वारा अपनी पहचान को खोजने की कोशिश।

क्या हर्षिता इससे जुड़ी चुनौतियों का सामना कर पाएगी? श्रीधर के साथ उसके रिश्ते के प्रति परिवार की नफरत का अंत क्या होगा? क्या दोनों का प्यार परवान चढ़ेगा? इन सभी सवालों का भावनात्मक जवाब खोजने की कोशिश है ये फ़िल्म।

निर्देशक प्रवीन अरोड़ा कहते हैं कि फ़िल्म ‘ढाई आखर’ एक प्रेम गीत है, जो किसी के जीवन को बदलने की ताकत रखता है। इस फ़िल्म के माध्यम से वो दर्शना चाहते हैं कि कैसे परिवारों में औरतों के साथ दुर्व्यवहार और हिंसा को सामान्य रूप से स्वीकार कर लिया जाता है, जिससे औरतों के व्यक्तित्व पर गहरा और बुरा प्रभाव पड़ता है। उनका दृढ़ विश्वास है कि प्रेम में किसी को भी मुक्त करने की क्षमता है। 1980 के दशक के परिवेश में फिल्माई गई ये कहानी दर्शकों के लिए अनुभव बने, यही उनकी कोशिश रही है। फिल्म को आध्यात्मिक और शांत राज्य उत्तराखंड में खूबसूरती से शूट किया गया है।

इस फ़िल्म में हिन्दी और मराठी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री मृणाल कुलकर्णी ने हर्षिता के रूप में मुख्य भूमिका निभाई हैं। इसके अलावा फिल्म और थिएटर के जाने माने अभिनेता हरीश खन्ना और प्रसिद्ध मराठी अभिनेता रोहित कोकाटे ने अहम किरदार निभाए हैं। बहुचर्चित नाटक ‘जिस लाहौर नई देख्या’ पर आधारित आने वाली हिंदी फ़ीचर फ़िल्म ‘लाहौर 1947’ और फ़िल्म ‘गांधी गोडसे – एक युद्ध’ के प्रसिद्ध लेखक असग़र वजाहत ने इस फिल्म की रूपांतरित पटकथा और संवाद लिखे हैं। फिल्म की शानदार टीम में गीतकार इरशाद कामिल, हिंदी और बंगाली संगीत निर्देशक अनुपम रॉय और गायिका कविता सेठ शामिल हैं।

इंडियन पैनोरमा का हिस्सा रही फ़िल्म ढाई आखर गोवा में सम्पन्न हुए 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) 2023 में निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फीचर फिल्म के प्रतियोगिता खंड में नामांकित हुई थी और 25 नवंबर 2023 को इसका विश्व प्रीमियर प्रतिष्ठित आईएफएफआई 2023 में हुआ था। 26 नवंबर 2023 को इसका दूसरा शो आयोजित हुआ। दोनों शो को दर्शकों, आलोचकों और फिल्म बिरादरी से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। यह फिल्म 21वें चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (सीआईएफएफ) 2023, भारतीय पैनोरमा में भी आधिकारिक तौर पर चयनित रही। 16 दिसंबर 2023 को पीवीआर सत्यम में 21वें सीआईएफएफ में इस फ़िल्म को प्रदर्शित किया गया था। सभी जगहों पर फिल्म को हर उम्र के दर्शकों ने समान रूप से पसंद किया और ये फिल्म कई मायनों में भाषा और क्षेत्र की सीमाओं को पार करने में सफल रही।

फिल्म ढाई आखर कंबोडिया इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2024 में भी प्रदर्शन के लिए चुनी गई है।

 

 

Advertise with us