रक्षा मंत्री की वर्किंग स्टाइल बदल रही है डिफेंस मिनिस्ट्री

रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण अब रोजाना सुबह तीनों सेना के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी। यह कदम सामरिक महत्व के क्षेत्र में शीघ्र निर्णय सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रक्षा खरीद संबंधी निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (डीएसी) की हर 15 दिन में एक बार बैठक होगी। इससे मिलिट्री एक्विजिशन के प्रस्तावों को समय से मंजूरी सुनिश्चित की जा सकेगी। रक्षामंत्री सीतारमण रक्षा सचिव से भी रोजाना अलग से मुलाकात करेंगी।

रक्षा तैयारियों और सामरिक महत्व के अन्य संबद्ध मुद्दों की समीक्षा के लिए तीनों सैन्य प्रमुखों के साथ बैठक की एक पूरी श्रृंखला तैयारी की गई है। रक्षा मंत्रालय की तरफ से बयान में कहा गया, ‘त्वरित निर्णय लेने के नए तरीकों को अमल में लाने के लिए तीनों सैन्य प्रमुखों के साथ व रक्षा सचिव के साथ अलग रोजाना की बैठकों को तय किया गया है।’

सीतारमण ने सोमवार को मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्पष्ट निर्देश दिए, साथ ही अधिग्रहण प्रस्तावों की गति बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने आर्मी के जमीन से जुड़े मामलों और इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस करने को कहा। इसके अलावा आर्मी पर्सनल्स के वेलफेयर प्रोजेक्ट्स के बारे में भी जानकारी ली।

7 सितंबर को रक्षा मंत्री के रूप में पद संभालने के बाद सीतारमण ने रक्षा मंत्रालय के कई विंग के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की है। उन्होंने सैन्य तैयारियों, रक्षा में स्वदेशीकरण, लंबे समय से लंबित मुद्दों को हल करने और सैनिकों के कल्याण को प्राथमिकता के रूप में सूचिबद्ध किया है।

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