निर्देशक विकास बहल, गुड कंपनी और टैलिसमैन फिल्म्स ने नौशेरा युद्ध पर फिल्म की घोषणा की, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने दिया अपना समर्थन

फिल्म की कहानी लायन ऑफ़ नौशेरा के रूप में मशहूर ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान (एमवीसी) के योगदान, उनके नेतृत्व और भारत की सुरक्षा के लिए उनके अंतिम बलिदान के इर्द-गिर्द घूमती है.

मशहूर फिल्म निर्माता विकास बहल ने गुड कंपनी के पार्टनर विराज सावंत और टैलिसमैन फिल्म्स के संस्थापक अभिषेक कुमार और निशिकांत रॉय के साथ मिलकर नौशेरा की ऐतिहासिक लड़ाई और जम्मू-कश्मीर के झंगर पर दोबारा जीत हासिल करने की कहानी पर अपने अपकमिंग फिल्म की घोषणा की. यह युद्ध 1947-1948 के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ था. इस पीरियड ड्रामा के निर्माण के बारे में जान कर भारत के रक्षामंत्री, श्री राजनाथ सिंह और भारतीय सेना ने फिल्म निर्माताओं को अपना पूरा समर्थन देने की बात कही है.

यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ‘नौशेरा के शेर’ के रूप में प्रतिष्ठित महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान के अदम्य साहस और नेतृत्व के साथ-साथ परमवीर चक्र विजेता नायक जदुनाथ सिंह और बहादुर बच्चों के एक समूह के वीरतापूर्ण कार्यों पर प्रकाश डालेगी. इन बाल सैनिकों के अटूट समर्पण और बलिदान ने पाकिस्तानी हमलावरों द्वारा जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के बाद भारतीय क्षेत्र की रक्षा की और कब्जाए गए जमीन को फिर से हासिल करने में मदद की थी.

प्रोजेक्ट के लिए अपना समर्थन व्यक्त करते हुए, रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान की वीरता और बलिदान की सराहना की. उन्होंने 1947-48 के कठिन समय के दौरान राष्ट्र की रक्षा में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को याद किया. हाल ही में विकास बहल और उनकी टीम ने दिल्ली में श्री राजनाथ सिंह से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की. इस मौके पर उनके साथ प्रसिद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के पत्रकार और सैन्य इतिहास, युद्धों पर एक दर्जन पुस्तकों के लेखक नितिन ए गोखले भी मौजूद थे. नितिन गोखले एक सलाहकार के रूप में इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने के लिए सहमत हो गए हैं और निर्देशक विकास बहल और फिल्म के लेखकों के साथ मिलकर काम करेंगे.

‘नौशेरा के शेर’ के योगदान की सराहना करते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने साझा किया, “ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान के साहस, उनकी देशभक्ति की भावना और मातृभूमि के प्रति उनके अमूल्य योगदान का जश्न मनाया जाना चाहिए. वह उस दौरान भारतीय सेना में सर्वोच्च रैंकिंग वाले अधिकारी थे, जिन्होंने 1947-48 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में जम्मू-कश्मीर में भारत की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. पिछले कई वर्षों से, मैं अपने भाषणों और सैनिकों के साथ बातचीत में राष्ट्र के प्रति उनके निस्वार्थ कर्तव्य और सेवा की बात करता रहा हूँ. मुझे खुशी है कि टीम ने फिल्म बनाने के लिए इस विषय को चुना. मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.”

रक्षा मंत्री और भारतीय सेना के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए, निदेशक विकास बहल ने कहा, “हम श्री राजनाथ सिंह जी और भारतीय सेना का इस अटूट समर्थन के लिए बहुत आभारी हैं क्योंकि हम अपने योद्धाओं को सेल्युलाइड पर उतारने की यात्रा पर निकल रहे हैं. राष्ट्र के नायकों की वीरता की असाधारण कहानी को सिल्वर स्क्रीन पर लाना हमारा कर्तव्य और परम सौभाग्य है. यह फिल्म उन लोगों की अदम्य भावना और बलिदान के प्रति हमारी हार्दिक श्रद्धांजलि होगी जिन्होंने बहादुरी से हमारी मातृभूमि की रक्षा की और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित किया.”

इस घोषणा के साथ, दर्शक इस ऐतिहासिक युद्ध के बारे में और अधिक जानने के लिए उत्साहित हैं. फिल्म का निर्माण गुड कंपनी और टैलिसमैन फिल्म्स द्वारा किया जाएगा.

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