वाम दलों के बंद से रेल और सड़क सेवा बाधित

पटना. राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद के तहत वाम दलों ने बिहार बंद के दौरान राज्यभर में रेल व सड़क सेवा को बाधित किया. पटना-गया रेलखंड पर बंद का व्यापक असर दिखा. भाकपा, माकपा, भाकपा माले, एसयूसीआइ, आरएसपी व फाॅरवर्ड ब्लॉक समेत श्रमिक संगठनों ने बिहार बंद में हिस्सा लिया.

भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य व राज्य सचिव कुणाल, माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार, भाकपा के सत्यनारायण सिंह व अन्य वाम नेताओं के नेतृत्व में अलग-अलग जत्थे में गांधी मैदान से जुलूस निकाला गया, जो डाकबंगला चौराहे पर आकर सभा में बदल गयी. सभा के बाद सभी नेताओं ने गिरफ्तारी दी. सभा को संबोधित करते हुए दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि आने वाले समय में यह आंदोलन तेज होगा. पटना में अहले सुबह माले कार्यकर्ताओं ने शहर के प्रमुख चौक डाकबंगला चौराहा को जाम कर दिया. इसका नेतृत्व पार्टी के पटना नगर सचिव अभ्युदय, इनौस नेता मनीष कुमार सिंह ने किया. एआइटीयूसी के कार्यकर्ताओं ने गांधी मैदान से निकलकर डाक बंगला चौराहा तक मार्च निकाला.

डाकबंगला, बेली रोड व फ्रेजर रोड में भी नहीं दिखा असर

पटना : नोटबंदी के खिलाफ वाम दलों की बंदी व विभिन्न पार्टियों के आक्रोश मार्च का शहर पर कोई खास असर नहीं देखा गया. टुकड़े-टुकड़े में प्रदर्शनकारियों के पहुंचने की वजह से डाकबंगला व बेली रोड पर ट्रैफिक आंशिक रूप से प्रभावित हुआ. डाकबंगला चौराहा पर प्रदर्शनकारियों के पहुंचने व गिरफ्तारी देने के कारण एएसपी स्तर के पुलिस पदाधिकारी व सदर एसडीओ सहित बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गयी थी.

विधानसभा सत्र को देखते हुए आसपास के इलाके में भी सतर्कता बरती गयी. गर्दनीबाग में प्रदर्शन कर रहे संगठनों को उधर ही रोका गया. जबकि, बेली रोड पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को उधर जाने की इजाजत नहीं मिली. 15 मजिस्ट्रेट व बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी लगाये गये थे
राज्य में बंद के दौरान हुई 521 लोगों की गिरफ्तारी: बंद का असर राज्य में बहुत ज्यादा नहीं दिखा. बंद में शामिल दलों के समर्थकों ने यातायात बाधित करने का प्रयास किया. राज्यभर से 521 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने एहतियात के तौर पर गिरफ्तार किया और फिर शाम को छोड़ दिया. पटना में 120, दरभंगा में 185, समस्तीपुर में 21, सहरसा में 85 और मुजफ्फरपुर से 110 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किये गये.
पटना. नोटबंदी से हो रही परेशानी के खिलाफ कांग्रेस ने पूरे राज्य भर में जनाक्रोश मार्च निकाला. बाद में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी के नेतृत्व में राज्यपाल रामनाथ कोविंद से मिल कर ज्ञापन सौंपा. राज्यपाल से मिल कर नोटबंदी से हो रही परेशानी के बारे में जानकारी दी गयी. शादी-विवाह, इलाज, स्कूल-कॉलेज के फीस, किसानों को खेती में परेशानी सहित अन्य कामों में दिक्कत हो रही है. केंद्र सरकार के बिना व्यवस्था किये हुए यह काम सरकारी विफलता व कुप्रबंधन को दरसाता है.

जनता को हो रही परेशानियों को लेकर आक्रोश मार्च निकालकर जनता की आवाज को दिल्ली तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है. अशोक चौधरी के नेतृत्व में बीपीमंडल गोलंबर से राजभवन तक आक्रोश मार्च निकाला गया. आक्रोश मार्च में विधायक दल के नेता सदानंद सिंह, मंत्री डाॅ मदन मोहन झा, अवधेश कुमार सिंह व अब्दुल जलील मस्तान, विधायक विजय शंकर दूबे, दिलीप चौधरी, डाॅ मो जावेद, अमिता भूषण, पूनम पासवान, भावना, विनय, अफाक आलम, शकील अहमद, आनंद शंकर, संजय, सुदर्शन, तनवीर अख्तर, अमित कुमार टुन्ना, मदन मोहन तिवारी, रामचंद्र भारती, राजेश राम शामिल थे.

तेरह जगहों से निकला जनाक्रोश मार्च: प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नोटबंदी से हो रहे लोगों की परेशानी को लेकर केंद्र सरकार के विरोध में राजधानी पटना में कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं का जत्था तेरह जगहों से निकला. कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता हाइकोर्ट समीप अंबेदकर मूर्ति, गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति, पटना जंकशन गोलबंर स्थित नेहरू गोलंबर, दिनकर गोलंबर आदि पर जमा होकर विरोध व्यक्त किया. जनाक्रोश मार्च में शामिल कांग्रेसी नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया और शाम में छोड़ दिया.

राजद का आक्रोश मार्च

नोटबंदी के विरोध में राजद ने आक्रोश मार्च निकाला. मार्च पार्टी के प्रदेश कार्यालय से आयकर गोलंबर तक गया. मार्च का नेतृत्व पार्टी के पटना जिला अध्यक्ष देवमुनी सिंह यादव ने किया. यादव ने बताया कि देश की आर्थिक संकट के खिलाफ पार्टी ने सभी जिलाें में आक्रोश मार्च का आयोजन किया है. पार्टी की पटना जिला इकाई द्वारा आयोजित आक्रोश मार्च में पीएम मोदी के नोटबंदी के विरोध में नारेबाजी की. इस मार्च में प्रदेश उपाध्यक्ष तनवीर हसन, अशोक कुमार सिंह, प्रगति मेहता, सुरेंद्र कुमार, चंदन चौधरी, बल्ली यादव, नंदू यादव, प्रमोद कुमार सिन्हा, रणविजय साहू, विनोद कुमार यादवेंदु, राजनीति प्रसाद,सत्येंद्र पासवान,महानगर अध्यक्ष महताब आलम, मृत्युंजय तिवारी, मदन शर्मा, चंदेश्वर प्रसाद सिंह, आभा लता आदि शामिल थे.

पटना : वाम दलों के भारत बंद के आह्वान पर बिहार स्टेट ऑटो चालक संघ के महासचिव राजकुमार झा ने शहर के हजारों ऑटो चालकों के शामिल होने का दावा किया. जबकि, सड़कों पर इसका किसी तरह का असर नहीं दिखा. ऑटो रोजाना की तरह शहर की सड़कों पर दौड़ रहे. ऑफिस टाइमिंग और शाम के वक्त भी लोगों को विभिन्न रूटों के लिए आसानी से ऑटो उपलब्ध थे. वहीं, मीठापुर बस स्टैंड में विभिन्न जिलों के लिए समय से बसें खुलीं. एक बस एजेंसी के टिकट कलेक्टर ने बताया कि सुबह के वक्त कुछ लोगों ने नारे लगाये थे. लेकिन, बसों का परिचालन रोकने की कोशिश नहीं की.

कहीं आधा घंटा, तो कहीं एक घंटा तक स्टेशन पर रुकी रहीं ट्रेनें: नोटबंदी के खिलाफ बंद के दौरान वाम दलों के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ छात्र संगठन एआइएसएफ ने जगह-जगह प्रदर्शन किया. उन्होंने पाटलिपुत्र जंकशन, राजेंद्र नगर टर्मिनल के साथ ही दानापुर रेल मंडल के कई स्टेशनों पर ट्रेन रोक दिया. इससे परिचालन एक से डेढ़ घंटे तक बाधित रहा. पटना से रांची जा रही जनशताब्दी एक्सप्रेस को सुबह 6:42 बजे तारेगना स्टेशन पर रोका गया. यहां से ट्रेन खुली, तो सुबह 7:25 बजे जहानाबाद स्टेशन पर ट्रेन को रोका गया. जहानाबाद स्टेशन पर प्रदर्शनकारी जनशताब्दी के इंजन पर चढ़ गये और करीब आधा घंटा तक इसे रोके रखा. सुबह 10:00 बजे के बाद परिचालन सामान्य हुआ.

लोकमान्य तिलक को आरा में रोका : मुंबई से राजेंद्र नगर टर्मिनल आ रही ट्रेन संख्या 13202 लोकमान्य तिलक-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस आरा स्टेशन पर सुबह 8:56 बजे पहुंची, तो प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन को आगे नहीं बढ़ने दिया. प्रदर्शनकारियों ने 15 मिनट तक ट्रेन को रोके रखा. ट्रेन संख्या 12336 लोकमान्य तिलक-भागलपुर एक्सप्रेस भी आरा स्टेशन पर दिन के 12:06 बजे पहुंची, तो प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन रोक दी. इस्लामपुर-पटना पैसेंजर को इस्लामपुर स्टेशन और किऊल-पटना-गया पैसेंजर ट्रेन को शेखपुरा स्टेशन पर रोक कर प्रदर्शन किया गया.

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