लूट के पैसों से व्यवसाय कर रहे थे हाइवे के लुटेरे

पटना : पटना पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है, जो हाइवे पर वाहनों को लूटने के बाद उसे बेच कर मिलने वाले पैसों से अय्याशी तो कर ही रहे थे और अपना व्यवसाय भी खड़ा कर रहे थे. इस गिरोह के पांच सदस्यों टिंकू कुमार (दिलावरपुर, बिहटा), सुनील कुमार उर्फ सूरज कुमार (दरियापुर, नौबतपुर), गुड्डू कुमार (संदेश, भोजपुर), नागेंद्र सिंह (बहादुरपुर, गड़हनी, भोजपुर) और धर्मेंद्र कुमार (सुबहबिगहा, रोहतास) को पुलिस ने पकड़ लिया.

इन लोगों के पास से दो देशी पिस्टल, दो कारतूस, लूटी गयी हाइवा और बोलेरो गाड़ी, मास्टर चाबी, चार मोबाइल, रिंच, पिलास और चाकू बरामद किये गये हैं. इस गिरोह ने हाइवा सहित अन्य गाड़ियां बिहटा, विक्रम और मनेर हाइवे पर लूटे. पुलिस की पूछताछ के दौरान इन लोगों ने स्वीकार किया कि लूटे गये वाहनों से मिले पैसों से ये लोग अय्याशी करते थे. हालांकि धर्मेंद्र ने बताया कि उसने लूट के पैसों से अपनी एक हाइवा गाड़ी खरीद ली थी और सुनील ने बताया कि उसने अंडा के होलसेलर की दुकान खोली है. हाइवा गाड़ी को पुलिस ने असम से बरामद किया. पूछताछ में इन लोगों ने यह भी जानकारी दी है कि अगर गाड़ी का ग्राहक नहीं मिलता था, तो वे उसके पार्ट-पुर्जे को खोल कर बाजार में बिक्री कर देते थे. एसएसपी मनु महाराज ने पांच अपराधियों के गिरफ्तार होने की पुष्टि की.
बताया जाता है कि यह गिरोह ठंड के कारण कुहासा का फायदा उठाते हुए हाइवे पर गाड़ियों को निशाना बनाते थे. चालक और खलासी को हथियार के बल पर अपनी बोलेरो में बैठाते थे और किसी सुनसान इलाके में उन्हें उतार देते थे. वहीं, लूटी गयी गाड़ियों को असम, दिल्ली, मुंबई और नगालैंड के इलाकों में बेच दिया जाता था. ड्राइवर-खलासी को विराने में छोड़ जाने का कारण था कि वे एक दिन बाद ही थाने पहुंच पायें. ताकि, वे गाड़ी को बिहार से बाहर निकालने में सफल हो जाते. लगातार हो रही घटनाओं के बाद एसएसपी मनु महाराज के निर्देश पर बिहटा थानाध्यक्ष रमाकांत तिवारी और नौबतपुर थानाध्यक्ष अजीत कुमार द्वारा संयुक्त रूप से हाइवे की निगरानी की जाने लगी और फिर इस गिरोह को पकड़ने में सफलता मिली.

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