तौबा तेरा जलवा-रंजना यादव


आकाशादित्य लामा द्वारा निर्देशित फिल्म तौबा तेरा जलवा इन दिनों विभिन्न थियेटरों में प्रदर्शित हो रही है। कोरोना काल के बाद काफी फिल्में बनी और रिलीज भी हुई, इनमें कब कौन सी फिल्म आईं और चली भी गई पता ही नहीं चला ,परंतु तौबा तेरा जलवा में स्किप्ट रायटर और निर्देशक ने अपना जलवा बरकरार रखा है।उनकी यह फिल्म उनके कैरियर में मील का पत्थर साबित होगी।फिल्म शुरू से आखिर तक एक सस्पेंस थ्रिलर लगती है ,जिसमें काफी ट्विस्ट हैं।
अमीषा पटेल कमर्शियल फिल्मों का जाना पहचाना चेहरा हैं ,परंतु बाकी कलाकारो का चेहरा नया होते हुए भी, पटकथा की रोचकता के सामने स्थापित चेहरों की आवश्यकता महसूस ही नहीं होती।फिल्म को देखने के बाद ऐसा लगता है कि यदि दमदार पटकथा हो तो पूरी फिल्म ही दिलचस्प बन जाती है और उसपर लेखक ही जब फिल्म का निर्देशक भी हो तो कहानी को पर्दे पर उकेरना बहुत ही स्वाभाविक हो जाता है और विस्मयकारी भी।


तौबा तेरा जलवा फिल्म में अंत तक जो कौतूहल और उत्सुकता बनी रहती है वह आकाशादित्य लांबा जैसे युवा फिल्मकार की विशेषता कही जा सकती है।बहुआयामी प्रतिभा के धनी जो स्वयं भी कई नाटकों में अभिनय कर चुके हैं मंझे हुए थियेटर आर्टिस्ट के तौर पर स्थापित हैं।
उनकी एक्टिंग स्किप्टिंग फिल्म में साफतौर पर निर्देशित होती दिखाई देती है ,सभी विधाओं का समन्वय इस फिल्म में स्थापित होता है जो आजकल के फिल्म बनाने वालों में बहुत ही कम दिखाई देता है।जब एक कलाकार फ़िल्म का पटकथा लेखक हो और निर्देशक भी हो तो जो कहानी के चारों तरफ बुना ताना-बाना फिल्म को कमाल बना देता है।
कुल मिलाकर तौबा तेरा जलवा स्किप्ट रायटर की फिल्म है जिसे बहुत ही सजगता से निर्मित किया गया है।
इस फिल्म में सभी कलाकारों ने अपनी अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है,पर पटकथा लेखन और फिल्म निर्देशन के माध्यम से एक कलाकार अपनी उपस्थिति दर्ज करा दे यह फिल्म देखने के बाद ही पता लगता है।
आने वाले समय में कमर्शियल सिने जगत की चुनौतियों का सामना करने में आकाशादित्य लामा बिल्कुल तैयार और समर्थ दिखाई देते हैं। हम उनसे आने वाली और भी दिलचस्प कहानियों के साथ कमाल की बेहतरीन फिल्मों की आशा रखते हैं।

 

रंजना यादव,
भूतपूर्व हिन्दी समाचार वाचिका,
आकाशवाणी,दूरदर्शन दिल्ली,
मैम्बर दिल्ली सैंसर बोर्ड,
ट्रस्टी भारतीय चित्र साधना।

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