सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय को जमानत का आदेश, दिल्ली पुलिस के वकील अश्विनी उपाध्याय के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं दे पाए

जंतर-मंतर पर आठ अगस्त को आयोजित एक कार्यक्रम में धर्म विशेष के खिलाफ नारेबाजी के मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व भाजपा प्रवक्ता व सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है।

पटियाला हाउस कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट उद्भव कुमार जैन ने उपाध्याय को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी है। उन्होंने कहा कि पेश साक्ष्य और वीडियो से नहीं पता चलता है कि आरोपी ने वहां उपस्थित लोगों को किसी समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने को लेकर उकसाया था या उनके कहने पर किसी ने आपत्तिजनक नारेबाजी की है। ऐसी संभावना नहीं है कि आरोपी फरार हो जाएगा।

अदालत ने कहा अभी इस मामले में जांच चल रही है लेकिन सिर्फ आशंका के आधार पर किसी के निजी स्वतंत्रता का हनन नहीं किया जा सकता है।इससे पूर्व उपाध्याय के वकील ने कहा कि बिना ठोस आधार के किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। पुलिस उनके बारे में कह रही है कि उन्होंने आपत्तिजनक बयानबाजी को लेकर पुलिस को नहीं बताया तो जब उपाध्याय वहां थे ही नहीं तो कैसे बताते। मात्र आंशका के आधार पर गिरफ्तारी गैरकानूनी है।

उन्होंने अदालत को बताया कि जब यह नारेबाजी और भाषण हुआ उस समय उनका मुवक्किल मौके पर उपस्थित नहीं था और दोपहर करीब 12:15 बजे वह मौके से जा चुके थे उन्हें आपत्तिजनक भाषण और टिप्पणियों की कोई जानकारी नहीं है उनकी गिरफ्तारी गैर कानूनी है और वह किसी भी हालत में इस प्रकार की भाषण बाजी के लिए जिम्मेदार नहीं है।

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