शहज़ादा-ए-ग़ज़ल जैजिम शर्मा की बरेली में ग़ज़ल की महफिल

सारेगामापा में शहज़ादा- ए- ग़ज़ल के खिताब से नवाज़े गए जैज़िम शर्मा ने बरेली के आई एम ए ऑडिटोरियम में रविवार 26 नवंबर शाम 6 बजे ग़ज़लों की महफिल सजाई।

ये शाम इस मायने में भी खास हो गई कि इसमें उनकी नई ग़ज़ल एल्बम ‘लफ्ज़ों के दरमियान’ को उत्तर प्रदेश के मंत्री अरुण कुमार और बरेली के सांसद सन्तोष गंगवार ने लॉंच किया।

लफ्ज़ों के दरमियां में चार ग़ज़लें हैं। जिन्हें लिखा है दाग देहलवी, निदा फ़ाज़ली और बरेली के जेपी गंगवार ने। अदबी कॉकटेल के बैनर तले बनी इस एल्बम के निर्माता हैं अतुल गंगवार।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंत्री डॉ अरुण कुमार ने कहा बरेली में जैजिम का स्वागत है उनकी आवाज बहुत सुरीली है, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री संतोष गंगवार ने कहा मैंने जैजिम को गाते हुए सुना है कमाल के गायक है उनको बधाई।

गज़लों की इस सुनहरी शाम को जैजिम शर्मा ने अपनी चार गज़लों के अलावा प्रसिद्ध ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह, गुलाम अली, मेहदी हसन और बरेली के मशहूर शायर वसीम बरेलवी की गज़ल को भी अपनी आवाज़ दी। जैजीम ने मेहदी हसन की प्रसिद्ध ग़ज़ल रंजिश ही सही से ग़ज़ल की महफिल का आगाज किया, गुलाम अली की प्रसिद्ध ग़ज़ल चुपके चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है, हंगामा है क्यों बरपा,हमको किसी के गम ने मारा, जगजीत सिंह की तुम जो इतना मुस्करा रहे हो, होठों से छू लो तुम, तुम को देखा, जब दीप जले आना, चंदन सा बदन, एहसान तेरा होगा जैसी 20 गज़ले गाई। हरेक गज़ल का उपस्थित लोगो ने खूब लुत्फ उठाया।

जैज़िम शर्मा की इस एल्बम का लॉंच मुंबई में हो चुका है। इस कार्यक्रम में अनूप जलोटा, सुरेश वाडकर, तलत अज़ीज़,जसपिंदर नरूला,चंदन दास, घनशाम वासवानी, बाली ब्रह्मभट्ट, जे पी गंगवार और निदा फाजली की पत्नी मालती जोशी फाजली ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।

सभी संगीत सूरमाओं की चिंता और जद्दोजहद गज़ल के रुझान को लेकर थी लेकिन सबको लगता है जैजिम जैसा युवा गज़ल गायक के हाथों में गज़ल महफूज़ है।

इस अवसर पर बरेली के गणमान्य लोगों में विधायक डॉक्टर राघवेन्द्र शर्मा, डॉक्टर ब्रजेश्वर सिंह, डॉक्टर विनोद पगरानी, फिल्म निर्माता अतुल पाण्डेय,एल्बम के निर्माता अतुल गंगवार न्यू इंडिया इंश्योरेंस के शशांक पाल, विधायक संजीव अग्रवाल, भाजपा के महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना,सांसद धर्मेन्द्र कश्यप आदि उपस्थित थे

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