सहकारिता और मोदी जी का लक्ष्य एक सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास-बी एल वर्मा-सहकारिता राज्य मंत्री

सहकार भारती से सम्बद्ध युनाईटेड थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट कोओपरेटिव सोसाइटिज़ फेडरेशन ऑफ दिल्ली एंव भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के संयुक्त तत्वाधान में सहकारिता के स्वर्णिम अध्याय एवं वर्तमान परिपेक्ष में सहकारिता का भविष्य विषय पर एन. सी. यु. आई. के सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री सहकारिता मंत्रालय श्रीमान बी.एल. वर्मा, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के अध्यक्ष श्रीमान दिलीप संघाणी, सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री गौरीशंकर सांई कुमार, सहकार भारती के पूर्व संरक्षक और वर्तमान में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निदेशक श्रीमान सतीश मराठे और एम.एस. एम. ई. की निदेशक श्रीमती टीना शर्मा उपस्थित रही । कार्यक्रम की अधयक्षता फेडरेशन के अध्यक्ष श्री सुनील गुप्ता जी द्वारा की गई ।
कार्यक्रम में फेडरेशन के अध्यक्ष श्री सुनील गुप्ता ने बताया की स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव वर्ष में सहकारी संस्थाओं के स्वर्णिम अध्याय को जनता के सामने लाए जाने के निमित वर्ष भर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा । कार्यक्रम में दिल्ली की प्रमुख सहकारी संस्थाओं द्वारा नव निर्मित सहकारिता मंत्रालय के प्रथम केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री बी एल वर्मा जी का अभिनंदन किया गया । कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्री बी एल वर्मा जी ने कहा की सहकारिता से समृद्धि की परिकल्पना को साकार करने के लिए सहकारिता मंत्रालय गठन किया गया है सहकारिता और मोदी जी का लक्ष्य एक ही है सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास । सहकारिता का धेय्य और लक्ष्य यही है । ग्रामीण क्षेत्र में चलने वाली छोटी-छोटी सोसाइटिओं के ढांचे को मजबूत करने के लिए सहकारिता मंत्रालय काम करेगा । नई-नई तकनीक का सहकारिता में उपयोग लाया जाएगा । सहकारिता में सकारात्मक सोच रखने वालों को लाया जाएगा । सहकारिता की दिशा और दशा बदलने के लिए मंत्रालय कार्य करेगा । वर्तमान में दूसरे देशों के साथ आर्थिक क्षेत्र में हम सहकारिता के माध्यम से ही लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं ।हमारे देश में सहकारिता कानुन 100 वर्ष पुराने हैं । उसके बाद नए नियम जोड़े गए हैं । उनकी समीक्षा की जानी चाहिए ।सहकारिता क्षेत्र को स्वास्थ्य जैसे नए आयाम लाने की आवश्यकता है । कार्यक्रम में 97 वें संविधान संशोधन पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय पर सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीमान गौरीशंकर साईं कुमार जी का व्याख्यान हुआ । श्री सांई कुमार ने बताया कि 97 वां संविधान संशोधन 2012 में आया था । जो कि आधा अधूरा था ।सर्वोच्च न्यायालय ने सहकारिता को मौलिक अधिकार स्वीकार किया है और सर्वोच्च न्यायालय ने सहकारिता के उत्थान विकास और मजबूती के लिए राज्यों को संरचना बनानी चाहिए इसे भी स्वीकार किया है । परंतु दुर्भाग्य से सर्वोच्च न्यायालय ने जिस प्रकार से यह संशोधन लाया गया उस पर प्रश्न चिन्ह लगाए हैं । संशोधन के IX B भाग में केंद्र शासित राज्य तथा राज्यों को शामिल करते हुए संविधान संशोधन के प्रावधानों को लागू करने से वंचित किया है । लेकिन बहु राज्य सहकारी संस्थाओं को इससे बाहर रखा गया है । सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय का प्रभाव आने वाले 10 – 12 वर्षा में दिखाई देगा । कार्यक्रम के अतिथि श्री दिलीप भाई संघाणी अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ ने सम्बोधित करते हुए कहा कि सहकारिता मंत्रालय का गठन इस बात का प्रमाण की सरकार इसके प्रति संवेदनशील है । देश में 8 लाख सहकारी संस्थाएं हैं ।भारत सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए सहकारिता क्षेत्र को देने का निर्णय लिया है । कार्यक्रम के अतिथि श्री सतीश मराठे आर.बी.आई के निदेशक ने कहा की सन 1969 में कांग्रेस की नीतियों के कारण सहकारिता क्षेत्र कमजोर हुआ । कॉपरेटिव की भूमिका देश में अहम होनी चाहिए । विश्व में संपन्न देशों में को-ओ परेटिव के द्वारा अनेक कार्य किए जा रहे हैं । सहकारिता कानून 100 वर्ष पुराना हो गया है । उनमें अनेक प्रकार के संशोधन किए जाने की आवश्यकता है ।आजादी के 75 वर्ष मैं सहकारिता मंत्रालय बनाए जाने से विकास और समस्याओं के समाधान की उम्मीद जगी है ।
कार्यक्रम के अन्त में फेडरेशन के महामंत्री श्री प्रवेश कुमार गुप्ता ने सभी गणमान्य अतिथियों और आगंतुकों का धन्यवाद किया ।

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