देश की संसद आरएसएस की शाखा नहीं है – बृंदा कारात

भारतीय जनता पार्टी देश की संसद को आरएसएस की शाखा बनाना चाहती है ताकि जनवाद व लोकतंत्र के इस विशाल इमारत को ध्वस्त कर तानाशाही का निजाम कायम किया जा सके लेकिन देश की जनता उनके मंसुबे को सफल नहीं होने देगी. संसद के वर्तमान सत्र मे जिस तरह विपक्ष की आवाज को दबाकर बिना किसी तरह की चर्चा कराए इंश्योरेंस सेक्टर के निजीकरण और अन्य जनविरोधी विधेयकों को पारित कराया गया यह घटनाक्रम संसदीय कार्य प्रणाली को पूरी तरह खत्म करने की साजिश है.इसी प्रकार आज देश के किसान किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी की मांग पर पिछले आठ माह से आंदोलन की राह पर हैं लेकिन केंद्र सरकार उनसे बात नहीं कर किसानों का अपमान कर रही है.
उन्होंने संसद मे केंद्र सरकार द्वारा देश की जनता की जासूसी कराए जाने के लिए पेगासस स्पाइवेयर के मामले मे संपूर्ण विपक्ष द्वारा बहस कराए जाने की मांग पर गतिरोध के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सत्ता पक्ष का यह रवैया पुरी तरह संसद की गरिमा को नष्ट करने का षडयंत्र है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.यह बात आज सीपीआई (एम) द्वारा दुमका मे आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पार्टी की पोलिट ब्यूरो सदस्य बृंदा कारात ने कही. उन्होंने कहा कि पार्टी स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर आजादी की लड़ाई मे कम्युनिस्ट पार्टी की गौरवशाली भूमिका को जनता के बीच ले जायेगी क्योंकि स्वतंत्रता के पूर्व जिन मुल्यों और आदर्शों के आधार पर भारतीय जनता की एकता कायम हुयी थी उसमे कमी आयी है इसलिए उस प्रेरणादायी विरासत को फिर से प्रकाश मे लाने का काम कम्युनिस्ट ही कर रहें हैं . इस अभियान के दौरान उन ताकतों को भी बेनकाब किया जायेगा जिन्होने ब्रिटिश हुकुमत की दलाली की और आज सत्ता पर काबिज होने के बाद अपने को सबसे बड़ा देशभक्त साबित करने की मुहिम चला रहें हैं.
प्रेस वार्ता मे मौजूद माकपा के राज्य सचिवमंडल सदस्य प्रकाश विप्लव ने पार्टी राज्य कमिटी की संपन्न दो दिवसीय बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि झारखंड के जन मुद्दों समेत केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ सितम्बर माह मे व्यापक अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान राज्य के 10 लाख नागरिकों से संपर्क किया जायेगा यह निर्णय आज दुमका मे संपन्न माकपा की दो दिवसीय राज्य कमिटी की बैठक मे लिया गया
इसके अलावा पार्टी ने स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के मौके पर लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए अपनी सभी इकाइयों से स्वतंत्र रूप से प्रभावी कार्यक्रम किए जाने का निर्णय लिया गया है. पार्टी राज्य कमिटी ने झारखंड सरकार की नियोजन नीति, नयी इंडस्ट्रीयल एवं इनवेस्टर्स पालिसी, खनिज नीति समेत पिछले दिनों कैबिनेट द्वारा की गयी घोषणाओं पर चर्चा की है.
राज्य कमिटी ने मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व मे कई गयी घोषणा को दर किनार कर श्रम कानूनों से संबंधित नियमावली बनाए जाने की कार्रवाई पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे अपनी पूर्व घोषणा से पीछे नही हटें.
पार्टी ने राज्य में खाद्य सुरक्षा के संबंध में हेमंत सरकार द्वारा अतिरिक्त 15 लाख लोगों को जो राशन उपलब्ध कराने की घोषणा की थी एक सर्वे के अनुसार उसमें काफी कमी सामने आयी है. इसके अलावा पार्टी ने राज्य सरकार से भष्टाचार पर नियंत्रण के लिए और भी प्रभावी कदम उठाए जाने की मांग की .
सीपीआई (एम) का राज्य सम्मेलन – 29, 30 और 31 अक्टूबर को पार्टी का 7वां झारखंड राज्य सम्मेलन दुमका मे किए जाने का निर्णय लिया गया. जिसमें पार्टी के अखिल भारतीय महासचिव सीताराम येचुरी भी भाग लेंगे
प्रेस वार्ता को पार्टी के जिला सचिव एहतेशाम अहमद और राज्य कमिटी सदस्य सुभाष हेम्ब्रम ने भी संबोधित किया.

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