बिहार चुनाव कौन लड़ेगा कितनी सीटों पर ?

मनीष वत्स

बिहार में चुनावी बिसात बिछनी शुरू हो चुकी है, दल अपने फायदे के अनुसार अपने-अपने खेमें बनाने में जुट गए हैं। जीतन राम मांझी कल तक महागठबंधन के पैरोकार थे, अब एनडीए के साथ आने वाले हैं, शरद यादव जो कि लोकसभा चुनाव महागठबंधन के बैनर पर लड़े थे, उन पर जदयू डोरे डाल रही है। जीतन राम मांझी और शरद यादव की यदि एनडीए में वापसी होती है तो कहा जा सकता है कि लौट के बुद्धू घर को आए। उधर राजद ने वामदलों के साथ चुनाव लड़ने का मन बना लिया है, महागठबंधन के प्रमुख दल के रूप में राजद ने तय कर लिया है कि वह सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस को सम्मानजनक सीट्स देने के अलावा राजद महागठबंधन के अन्य दलों को बहुत ज्यादा भाव नहीं देने वाली। कहा जा रहा है कि वामदलों के आ जाने से मुकेश सहनी की वीवीआइपी और उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा को राजद सस्ते में निपटाने का प्लान बना चुकी है। हालांकि तेजस्वी यादव के साथ कई परेशानियां हैं, उनमें से एक तेजप्रताप यादव भी हैं। तेजप्रताप यादव ने तय किया है कि तीन सीटों पर उनके उम्मीदवारों को टिकट दिया जाए। ऐसी मांग उन्होंने लोकसभा चुनाव में भी की थी और मांग नहीं होने पर उन्होंने बागी तेवर भी अपनाए थे। अब तेजस्वी को तय करना है कि उनकी मांग को पूरी करें या घरेलू महाभारत का सामना करें।

उधर एनडीए में भी सीटों का बंटवारा सुलझता नजर आ रहा है, लोजपा और चिराग पासवान जिस तरह से बगावती तेवर दिखा रहे थे, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान के पश्च्यात वो ठंडे पड़ गए हैं। कहा जा रहा है कि जदयू सबसे ज्यादा करीब 110-115 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, वहीं भाजपा 100 से 105 सीटों पर, लोजपा को शायद 25-30 सीट्स मिले और यदि मांझी एनडीए में आते हैं तो उन्हें 8 से 10 सीट्स मिलने की उम्मीद है।

बिहार के चुनावी सरगर्मी के बीच देश ने एक कुशल राजनीतिज्ञ, विद्वान शिक्षाविद भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को खो दिया। प्रणब मुखर्जी दलगत राजनीति से इतर एक सर्वप्रिय राजनेता थे। एक शिक्षक के रूप में अपना कैरियर शुरू करने वाले प्रणब दा लंबे समय तक कांग्रेस में नम्बर दो पोजीशन पर रहे। वे कांग्रेस के ऐसे राजनेता थे जिनके सामने 3 बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर आया और हर बार दल की अंदरूनी राजनीति का शिकार होना पड़ा। हालांकि अंतिम में देश के प्रथम नागरिक बनकर ना केवल उन्होंने राष्ट्रपति पद की गरिमा को बढ़ाया बल्कि उनके कठोर फैसलों ने पूरे देश को बड़ा सन्देश देने का काम किया।
बिहार अपडेट की ओर से पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी को भावभीनी श्रद्धांजलि ।

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