संघर्ष की आग में तपकर कुंदन की तरह दमकने वाले प्रेरणास्रोत थे जेपी- महेंद्र नाथ पांडेय

11अक्टूबर 2019 को लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में देश के लोकनायक जयप्रकाश नारायण को एक भव्य व गरिमापूर्ण कार्यक्रम में भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी व उनके विचारों का स्मरण करते हुए उनके विचारों की वर्तमान में भी उतनी प्रासंगिकता होने की बात कही गयी।इस अवसर पर जेपी से संबंधित एक वृतचित्र भी प्रदर्शित किया गया व अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। लोकनायक जयप्रकाश जयंती समारोह के अवसर पर ” युवाओं से उम्मीद और जयप्रकाश ” विषय पर देश के सुप्रसिद्ध व्यक्ति, राजनेता, साहित्यकार पत्रकार समाजविज्ञानी इत्यादि अपनी वात रखें और इस मौके पर  समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को से सम्मानित किया। यह  कार्यक्रम भीम सभागार , डॉ अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, जनपथ,नयी दिल्ली में आयोजित किया गया।  
कार्यक्रम के आरंभ में अभय सिन्हा , महासचिव ” लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विकास केंद्र”  ने बताया कि जेपी ने पांच जून, 1975 को पटना के गांधी मैदान में विशाल जनसमूह को संबोधित किया. यहीं उन्हें ‘लोकनायक‘ की उपाधि दी गई. इसके कुछ दिनों बाद ही दिल्ली के रामलीला मैदान में उनका ऐतिहासिक भाषण हुआ. उनके इस भाषण के कुछ ही समय बाद इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया. दो साल बाद लोकनायक के संपूर्ण क्रांति आंदोलन के चलते देश में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी.  
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महेंद्र नाथ पांडेय ,माननीय कौशल विकास मंत्री भारत सरकार ने अपने उध्बोधन में कहा कि बहुत से नेता मिले जिनके प्रयासों के कारण ही यह देश आज तक टिका हुआ है और उसकी समस्त उपलब्धियां उन्हीं नेताओं की दूरदृष्टि और त्याग का नतीजा है। ऐसे ही नेताओं में जीवनभर संघर्ष करने वाले और इसी संघर्ष की आग में तपकर कुंदन की तरह दमकते हुए समाज के सामने आदर्श बन जाने वाले प्रेरणास्रोत थे लोकनायक जयप्रकाश नारायण, जो अपने त्यागमय जीवन के कारण मृत्यु से पहले ही प्रातः स्मरणीय बन गए थे। अपने जीवन में संतों जैसा प्रभामंडल केवल दो नेताओं ने प्राप्त किया। एक महात्मा गांधी थे तो दूसरे जयप्रकाश नारायण।
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डॉ मृदुला सिन्हा, राज्यपाल ,गोवा ने इस अवसर पर कहा कि देश में आजादी की लड़ाई से लेकर वर्ष 1977 तक तमाम आंदोलनों की मशाल थामने वाले जेपी यानी जयप्रकाश नारायण का नाम देश के ऐसे शख्स के रूप में उभरता है जिन्होंने अपने विचारों, दर्शन तथा व्यक्तित्व से देश की दिशा तय की थी। उनका नाम लेते ही एक साथ उनके बारे में लोगों के मन में कई छवियां उभरती हैं । वही वाल्मिकी प्रसाद (पूर्व राज्यपाल सिक्किम) ने उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि लोकनायक के शब्द को असलियत में चरितार्थ करने वाले जयप्रकाश नारायण अत्यंत समर्पित जननायक और मानवतावादी चिंतक तो थे ही इसके साथ-साथ उनकी छवि अत्यंत शालीन और मर्यादित सार्वजनिक जीवन जीने वाले व्यक्ति की भी है। उनका समाजवाद का नारा आज भी हर तरफ गूंज रहा है। भले ही उनके नारे पर राजनीति करने वाले उनके सिद्धान्तों को भूल रहे हों, क्योंकि उन्होंने सम्पूर्ण क्रांति का नारा एवं आन्दोलन जिन उद्देश्यों एवं बुराइयों को समाप्त करने के लिये किया था, वे सारी बुराइयां इन राजनीतिक दलों एवं उनके नेताओं में व्याप्त है। कार्यक्रम को इसके अतिरिक्त , भाजपा उपाध्यक्ष श्याम जाजू,गुरु पवन सिन्हा, शरद त्रिपाठी पूर्व सांसद आदि ने संबोधित किया।
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लोकनायक जयप्रकाश जयंती समारोह – कई हस्तियों को  जेपी अवार्ड- 2019 से सम्मानित किया 
कार्यक्रम में जेपी के मूल्यों व सिद्धांतो को आगे रखकर उत्कृष्ट कार्य करने वाले पूर्व प्रशासनिक अधिकारी एमजी  देवहायम, डॉ एसएन सुब्बाराव, मौलिक भारत संस्था, गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा, डॉ गंगा प्रसाद विमल, डॉ कविता भट्ट, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, शिक्षाविद अरविंद गोयल, डॉ रमा, पूर्व निदेशक सीबीआई अनिल सिन्हा, वाइस एडमिरल एसके ओझा, पुलिस महानिदेशक महेंद्र मोदी, नृत्यांगना शोभना नारायण, नलिनी जोशी व रेखा मेहरा, फ़िल्म निर्देशक मधुर भंडारकर, हॉकी खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद, स्वामी महेश योगी, भारत माता मंदिर के संस्थापक अरविंद गुप्ता, प्रख्यात पत्रकार के विक्रम राव, अनुराधा प्रसाद व ओंकारेश्वर पांडे व कई अन्य हस्तियों को  जेपी अवार्ड- 2019 से सम्मानित किया गया।  
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 कार्यक्रम का संचालन प्रो रंजना त्रिपाठी ने किया व प्रो शिवराज भारद्वाज ने बिषय प्रवर्तन प्रस्तुत किया।
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