BSSC पेपर लीक मामला : परीक्षा में पैसे लेकर बहाली करने का पर्दाफाश

पटना : बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) के पेपर लीक मामले में एक बड़ा खुलासा नवादा जिला में हुआ है. यहां के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र में सिमरी बिगहा बाइपास पर एक किराये के मकान से धोखाधड़ी से जुड़े पूरे रैकेट का बड़ा दस्तावेज बरामद हुआ है. बाजार के बाहर मौजूद इस सत्यनारायण शर्मा के तीन मंजिला मकान के दूसरे तल को 15 दिनों के लिए किराये पर इसी थाना क्षेत्र के नवाजगढ़ निवासी गौरीशंकर शर्मा ने लिया था.

5 फरवरी (रविवार) की सुबह करीब आठ बजे छापेमारी की गयी. इस दौरान बीएसएससी की परीक्षा में पैसे लेकर बहाली करने के पूरे रैकेट का परदाफाश हुआ. मकान की तलाशी के दौरान एक सफेद अटैची मिली है, जिसमें बड़े स्तर पर कागजात बरामद हुए हैं. इसमें एसएससी की मौजूदा परीक्षा के अलावा भी रेलवे और अन्य प्रतियोगिता परीक्षा में सेटिंग से जुड़े काफी संख्या में कागजात बरामद हुए हैं. वारिसलीगंज थाना ने इस मामले में एक विस्तृत एफआइआर भी दर्ज की है. बरामद कागजातों को देखकर लगता है कि यहां बकायदा सरकारी प्लेसमेंट एजेंसी चलायी जाती थी, जिसमें पैसे लेकर सरकारी नौकरी देने का गोरखधंधा बड़े स्तर पर चलता था. इसके तार सभी जिलों से जुड़े हुए हैं.

इस एफआइआर में 48 लोगों के नाम का उल्लेख हैं. सफेद अटैची में एक चार्ट और एक फाइल भी बरामद हुई है. इस चार्ट में उन 11 अभ्यर्थियों के नाम, रॉल नंबर के अलावा उनके सेटर और ब्रोकर के नाम भी दर्ज हैं, जिनके माध्यम से इन्हें इस रैकेट में शामिल कराया गया है. इनके नाम के आगे ओके और नॉट ओके भी लिखा है. इससे यह पता चलता है कि किसने पैसे दिये हैं, किसने पूरे पैसे नहीं दिये हैं. कई छात्रों से एडवांस लेना बाकी था.

बकायदा सरकारी कार्यालय की फाइल की तरह ही यह चार्ट तैयार है, जिसमें अलग-अलग परीक्षा की तारीख में शामिल होने वाले सभी अभ्यर्थियों के नाम और उनका पूरा विवरण लिखा है. इसे देखने के बाद किसी को सेटिंग के पूरे रैकेट को समझने में किसी तरह की कोई समस्या नहीं हो सकती है. इसके अलावा इस फ्लैट से 48 संदिग्धों के नाम और पूरा डिटेल भी मिला है. इसमें सेटर और दूसरी तिथियों में परीक्षा देने वाले कैंडिडेट के नाम शामिल हैं.

चार्ट में दर्ज मिले इतने नाम
शशिभूषण प्रसाद, कुंदन कुमार (बरबीघा), उमाकांत (जोरापुर), वाल्मिकी मिस्त्री (नेवाजगढ़), अमलेश कुमार रामकरण, नीरज कुमार, राजेश कुमार (लखीसराय), विकास कुमार (गिरीयक), रीतुराज कुमार (पटना), अमित कुमार, रंजीत सर (कुछ के नाम के सामने घर के नाम लिखे, कुछ के नहीं)

पकड़ाये गये 48 लोगों की सूची
इसमें, 1 से 19 तक संगठित गिरोह के सदस्य हैं, जो प्रश्न-पत्र ऑउट करने और हल कराने का काम करते हैं. 20 से 48 तक के लोग अपराधी हैं, जो गिरोह को हर तरह से संचालित करते या इस रैकेट में सहायक की भूमिका में हैं. इसमें कुछ लोग खुद अभ्यर्थी भी थे, जो परीक्षा देने की तैयारी में थे. कुछ की परीक्षा आगामी तारीख को थी.

मुख्य सेटर

1. भूषण कुमार, मधेपुरा 2. सुनील कुमार, सहरसा 3. अमरेश कुमार, मूल निवासी- मुंगेर, वर्तमान में पटना 4. अर्जुन शर्मा, सहरसा 5. रवि कुमार, अरवल 6. गौरीशंकर, नवादा 7. विकास यादव, नवादा 8. शंकर कुमार, सहरसा 9. नीलेश कुमार, पटना 10. कुंदन कुमार, शेखपुरा 11. ब्रजेश कुमार, मधेपुरा 12. रंजन कुमार, नवादा 13. कुंवर कुमार सुमन, सहरसा 14. अरुण कुमार, सुपौल 15. तरूण कुमार, मधेपुरा 16. दीपक कुमार, मोतीहारी 17. नवीन कुमार, समस्तीपुर 18. मुकेश कुमार, पटना 19. रौशन कुमार, मुजफ्फरपुर

सहायक सेटर एवं कैंडिडेट
20. शशिभूषण प्रसाद, नवादा 21. बाल्मिकी मिस्त्री, नवादा 22. नीरज कुमार, नवादा 23. राजेश कुमार, लखीसराय 24. विकास कुमार, नवादा 25. अमित कुमार, नवादा 26. रंजीत कुमार, नवादा 27. उमाकांत, बेगूसराय 28. अभय कुमार, बेगूसराय 29. अजित कुमार सिंह, सहरसा 30. चंदन कुमार पासवान, सुपौल 31. अभय कुमार राणा, मधेपुरा 32. चंदन कुमार, सुपौल 33. ममता कुमारी, नवादा 34. प्रकाश कुमार, नालंदा 35. अरविंद कुमार, नवादा 36. कुंदन कुमार, नवादा 37. राजाराम, शेखपुरा 38. कपिलदेव कुमार, नालंदा 39. आनंद किशोर, नालंदा 40. कौशल कुमार, नालंदा 41. शिवशंकर कुमार, नवादा 42. राहुल कुमार 43. धर्मेन्द्र कुमार 44. गजेन्द्र कुमार 45. अमित रंजन 46. सौरव कुमार 47. अरूण कुमार, 48. अमित कुमार

पेपर लीक मामले की इअोयू ने शुरू की जांच
पटना : बीएसएससी की परीक्षा में पेपर लीक से संबंधित मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने भी अपने स्तर से शुरू कर दी है. इओयू ने पटना और नवादा जिलों में हुई एफआइआर की कॉपी मंगवा ली है और इसका अध्ययन कर रहा है. इसके अलावा इसमें शामिल सभी सेटरों और अन्य संदिग्ध लोगों की पहचान के अलावा इनके बारे में सभी स्तर पर जानकारी एकत्र की जा रही है. इओयू इस बात पर खासतौर से यह पता लगाने में लगा हुआ है कि अगर प्रश्नपत्र सही मायने में लीक हुआ है, तो किस समय यह लीक हुआ और यह कब वाट्स एप पर वायरल हुआ? इसके आधार पर यह पता करने में बेहद आसानी होगी कि प्रश्नपत्र कहां से लीक हुआ है और इसमें किस स्तर के लोग शामिल हैं.

प्रश्नपत्र को हल किसने और कहां किया है. इन तमाम पहलुओं के अलावा यह रैकेट कहां तक फैला हुआ है, इसमें कौन-कौन से जिलों के लोग शामिल हैं, सेटिंग के इस खेल में कितनों को फायदा हुआ, इन तमाम मुद्दों की जांच-पड़ताल चल रही है. इओयू का मुख्य मकसद इस पूरे गोरखधंधे के मुख्य अभियुक्त को पकड़ना है. इसके सरगनाओं के अवैध संपत्ति की जांच भी हो सकती है.

इन दोनों मामलों के रास्ते ही आगे बढ़ेगी एसआइटी
केस-1: भारतीय सेना में भर्ती के लिए लाखों रुपये लेकर सेटिंग किये जाने की सूचना पर पटना पुलिस की टीम ने एक गिरोह काे पकड़ा था. गिरोह के सदस्यों मुन्ना सिंह, नीतीश कुमार सिंह, सतीश कुमार शर्मा, विक्की कुमार सिंह व राहुल कुमार को शाहपुर के शिवाला मोड़ के पास गिरफ्तार किया गया था. इन लोगों के पास से 3.52 लाख नकद, 16 एटीएम कार्ड, दो स्कॉर्पियों, आधा किलो सोने के जेवरात, एक लाख का चेक व कई छात्रों के ओरिजनल शैक्षणिक प्रमाण पत्र बरामद किया है. यह बात भी सामने आयी थी कि ये लोग बीएसएससी परीक्षा का प्रश्न पत्र भी लीक करने वाले थे.

केस-2: रविवार को होने वाली बीएसएससी की परीक्षा के दौरान सेटिंग किये जाने की पूरी तैयारी की योजना को पटना पुलिस की टीम ने फेल कर दिया था और गिरोह के सरगना पवन कुमार (मच्छरीयावां, फतुहा), विपिन कुमार (कुढ़वापर, नगरनौसा, नालंदा) व नवनीत कुमार (अहिरौलिया,कोटवा, मोतिहारी) को गिरफ्तार कर लिया था. इन सभी को अगमकुआं थाने के कांटी फैक्ट्री रोड में पकड़ा गया था. इनके पास से सेटिंग करने के लिए उपयोग किये जाने वाले तैयार डिवाइस, मोबाइल सेट, मोबाइल किट लगा हुआ गंजी, स्पीकर, पेन ड्राइव, की बोर्ड आदि मिला था.

परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन
पटना : बीएसएससी इंटर स्तरीय परीक्षा में धांधली के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) और अखिल भारतीय छात्र संगठन (आइसा) ने सोमवार को आयोग के गेट पर प्रदर्शन किया. परीक्षा रद्द करने और दोषियों की पहचान कर उन पर कार्रवाई करने की मांग कर दोनों संगठनों से जुड़े छात्रों ने दो घंटे तक आयोग के सामने हंगामा किया.

प्रश्नपत्र लीक मामले में आयोग की संलिप्तता और अध्यक्ष व सचिव के हाथ होने का आरोप लगाया.पदाधिकारियों से वार्ता आयोजित कराने और हाथों-हाथ मेमोरेंडम सौंपने की मांग को लेकर छात्र अध्यक्ष और सचिव को पेश करने की मांग की. पुलिस पदाधिकारियों ने अध्यक्ष के बाहर होने की बात कर लौट जाने की अपील की, लेकिन वे नहीं माने और सड़क पर बैठ प्रदर्शन करने लगे. इस दौरान छात्रों ने आयोग का गेट तोड़ने की कोशिश की.

छात्र गेट पर चढ़कर उसे हिलाने लगे, जिससे गेट में लगे लोहे के बोर्ड के गिरने से एक छात्र टिंकू कुमार घायल हो गया. प्रदर्शन के दौरान संगठनों से जुड़े छात्रों ने सरकार विरोधी नारे लगाये. सड़क से गुजर रही नीली बत्ती की वीआइपी गाड़ियों को रोककर प्रदर्शन किया.

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