Bihar Budget 2018: 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज विपक्ष के हंगामे के बीच विधानमंडल के दोनों सदनों में वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया. विपक्ष के हंगामे के बीच सुशील मोदी ने बजट भाषण पढ़ा. इस बीच विपक्षी सदस्य लगातार नीतीश सरकार के विरोध में तरह-तरह के स्लोगन पढ़ सरकार पर तंज कसते रहे. सुशील मोदी ने 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया अौर कहा, बजट के आकार को बढ़ाना सरकार की उपलब्धि है. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामाजिक कार्य को गिनाया.

इससे पहले ठीक दो बजे वित्तमंत्री सुशील मोदी बजट के पिटारे के साथ विधानसभा पहुंचे, सदन में सुशील मोदी के पहुंचने के बाद एनडीए विधायकों ने उनका गुलाब देकर स्वागत किया. सुशील मोदी के  बजट अभिभाषण से सदन की कार्यवाही शुरू हो गयी है. उनके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी विधानसभा पहुंचे हैं. उल्लेखनीय है कि जीएसटी लागू होने के बाद राज्य का यह पहला बजट है.

मुख्य बिंदु…
– उद्योग विभाग के लिए 622.04 करोड़ का प्रावधान
– आपदा प्रबंधन के लिए 677.15 करोड़ रुपये का प्रावधान
– राजस्व और भूमि सुधार के लिए 862.21 हजार करोड़ का बजट
– समाज कल्याण के लिए 10 हजार 188 करोड़ रुपये का प्रावधान
– स्वास्थ्य विभाग के लिए पर 7793 करोड़ रुपये का बजट
– उर्जा के लिए 10 हजार 257 करोड़ 66 लाख का बजट
– शिक्षा पर 32 हजार 125 करोड़ 64 लाख रुपये खर्च करेगी राज्य सरकार
– राजगीर में 60 करोड़ की लागत से जू सफारी का निर्माण
– वित्तीय वर्ष 2018-19 में  11 हजार 203 करोड़ रुपये राजकोषिय घाटा रहने का अनुमान

– हर घर में बिजली पहुंचाने के लिए राज्य सरकार 10,257.66 करोड़ रुपए खर्च करेगी। वहीं बजट में मंदिरों के लिए भी सरकार ने 30 करोड़ रुपए देने की बात कही है।

 वित्त मंत्री ने बताया कि बिहार की विकास दर 10.3 फीसदी है जोकि देश की विकास दर से 3.3 फीसदी ज्यादा है। बिहार में हरित क्षेत्र को 15 फीसदी से बढ़ाकर 17 फीसदी किया जाएगा। राज्य के सभी प्रमंडलों में IIT खोले जाएंगे।

 वित्त मंत्री ने बताया कि गंगा पर बने सभी पुल इसी साल चालू कर दिए जाएंगे। इसके अलावा गांव का विकास करने के लिए राज्य में 10,505 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

 नालंदा के डीएम को सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए पुरस्कार मिला। वीर कुंवर सिंह को लेकर अप्रैल से बड़े कार्यक्रम किए जाएंगे। वित्त मंत्री सुशील मोदी ने बताया कि शिक्षा पर ज्यादा काम किया जाएगा। इसके लिए वित्त मंत्री ने 32,125 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है।

 विधानसबा में किसानों पर बैंक और महाजनी कर्ज को माफ किए जाने का मुद्दा भी उठाया जा सकता है। भाकपा-माले विधायक महबूब आलम, सुदामा प्रसाद और सत्यदेव राम ने सरकार पर आरोप लगाया है कि राज्य सरकार किसानों व बटाईदारों की समस्या पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। किसानों की हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है।

 राज्य के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक सर्विस सेक्टर, ट्रांस्पोर्ट, भंडारण, संचार, विनिर्माण, खनन और उत्खनन जैसे क्षेत्रों ने राज्य के विकास को सहारा मिल सकता है। वर्तमान में आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन सरकार के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन कर रहा है।

 नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव ने विरोध प्रदर्शन किया। 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया। राजद के सदस्य वेल में पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने विरोध प्रदर्शन करने वालों से कहा कि आफ लोग नियम से बातें उठाएं तो सरकार आपकी सुनेगी और जवाब भी देगी। इस तरह विरोध करने से कोई जवाब नहीं देगा।

 करीब 10.30 बजे सुबह, बिहार विधानसभा के बाहर पोर्टिको में राजद विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। ‘नीतीश कुमार और सुशील मोदी होश में आओ’ के नारे लगाए। राज्य सरकार पर मृत बच्चों के दोषी को बचाने का भी आरोप लगाया।

 विधानसभा में जारी आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, बिहार में 2016-2017 में 10.3 फीसदी की वृद्धि दर दर्ज की गई, जो कि एक साल पहले इसी वित्त वर्ष में 7.5 फीसदी थी, जो कि सर्विस सेक्टर में पीछे है। बिहार के 12 वें आर्थिक सर्वेक्षण ने कहा गया है कि बिहार की विकास दर राष्ट्रीय औसत की तुलना में अधिक है। बिहार की विकास दर 7.0 फीसदी है। बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बजट सत्र के पहले दिन सर्वेक्षण के बाद कहा कि राज्य ने राजस्व अधिशेष को लगातार देखा है, जो 2012-13 में 5,101 करोड़ रुपए से बढ़कर 2016-17 में 10,819 करोड़ रुपये हो गया।

 सुशील मोदी ने कहा कि 2017-18 के दौरान अधिशेष 14,556 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जिसे बेहतर वित्तीय प्रबंधन के परिणाम माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2015-16 में 883 करोड़ रुपये की वृद्धि के मुकाबले पिछले साल राज्य सरकार के सकल वित्तीय घाटे (जीएफडी) में 4,418 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 18,112 करोड़ रुपये जीएफडी बढ़ने का अनुमान है।

 इस बार बजट में बिजली के लिए भी अलग से कुछ किया जा सकता है। नीतीश सरकार हर गांव तक बिजली पहुंचा चुकी है अब सरकार का टारगेट हर घर तक बिजली पहुंचाने का है। इसलिए सरकार अलग से बिजली के लिए कुछ घोषणा कर सकती है।

 इस बार राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बजट बढ़ा सकती है। पिछले साल राज्य सरकार ने इसमें कमी कर दी थी। स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने का ऐलान हेल्थ मिनिस्टर पहले भी कर चुके हैं। राज्य में 5 नए मेडिकल कॉलेज भी खोले जाएंगे।

 बिहार सरकार को शिक्षा के साथ-साथ रोजगार पर भी ध्यान देना होगा। पिछले बजट में शिक्षा के लिए करीब 25 हजार करोड़ रुपए दिए गए थे। इस बार शिक्षा का बजट आकार पिछले वर्ष की तुलना में बड़ा होने की संभावना है।

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