अजित सिंह ने भोजपुरी गीतकारों से किया आग्रह

भोजपुरी फिल्मो का इतिहास सुनहरा रहा है। भोजपुरी में कई ऐतिहासिक फिल्मे बनी है जैसे:- गंगा मईया तोहे पियरी चढ़इबो, बिटिया भइल सयान, चंदवा के ताके चकोर, हमार भऊजी, गंगा किनारे मोरा गांव, संपूर्ण तीर्थ यात्रा, नदिया के पार इत्यादि। आपको बता दूँ की भोजपुरी फिल्म ‘नदिया के पार’ का ‘हम आपके हैं कौन’ नाम से हिंदी रीमेक किया गया था। इतना सुनहरा इतिहास रहा है भोजपुरी फिल्मो का। लेकिन दो दशक पहले भोजपुरी फिल्म अश्लीलता की दलदल में फंसना शुरू हुयी और आजतक फंसती ही चली जा रही है। इस बात से आहत होकर भोजपुरी और कन्नड़ फिल्म में काम कर चुके अभिनेता अजित सिंह ने भोजपुरी लिरिसिस्ट से साफ़-सुथरे गाने लिखने के लिए निवेदन किया है। अजित का कहना है की अश्लीलता के कई कारक हैं जिनमे गानो का द्विअर्थी और भद्दा होना प्रमुख कारक है।
अजित सिंह की जुबानी –
नमस्कार, ये बात किसी से छिपी नहीं है की भद्दे और द्विअर्थी गानों की वजह से हमारी भोजपुरी इंडस्ट्री की बहुत बेइज़्ज़ती हो रही है। आये दिन बात- विवाद होते रहते हैं। दर्शक फिल्मों से दूर जा रहे हैं जो फिल्म इंडस्ट्री के लिए अच्छे संकेत नहीं है। अन्य फिल्म इंडस्ट्री के लोगों से बात करने से पता चलता है की भद्दे और द्विअर्थी गानें तथा फिल्मों में फैली अश्लीलता की वजह से भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के बारे में लोगों की राय कुछ ठीक नहीं है। वास्तव में उन्हें ऐसा राय बनाने का मौका हमलोगो ने ही दिया है। अतः आप सभी गीतकारों से अनुरोध है की कृपया साफ-सुथरी गाने लिखने का खुद भी प्रयास करें और दूसरे गीतकारों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
ajit
अगर आप भद्दे और द्विअर्थी गाने लिख रहे हैं इसका मतलब आप अपने टैलेंट को कम आंक रहे हैं। अगर टैलेंट का सही उपयोग किया जाये तो आपसब में बेहतरीन गाने लिखने की अद्भुत क्षमता है। मेरी बातों को साकारात्मकता में लिया जाये क्योंकि मैं किसी की आलोचना नहीं कर रहा बल्कि फीडबैक दे रहा हूँ। अगर आप सब इस बात पर अमल करें और इस दिशा में कोई कदम उठाएंगे तो यक़ीन मानिये आपके द्वारा लिया गया ये छोटा सा कदम, फिल्म इंडस्ट्री में बड़े बदलाव ला सकता है। अगर आप पहले से साफ-सुथरी गाने लिख रहे हैं तो ये तो बहुत ही अच्छी बात है फिर आप दूसरे गीतकारों को भी साफ-सुथरी गाने लिखने के लिए प्रेरित करें। धन्यवाद!

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