नजरबंदी से बौखलाया आतंकी हाफिज सईद, बोला, मोदी-ट्रंप की दोस्‍ती के कारण हुई कार्रवाई

लाहौर : ट्रंप प्रशासन की ओर से पाकिस्तान पर दबाव बढ़ने के बीच मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद एवं चार अन्य लोगों को सोमवार रात लाहौर में आतंकवाद विरोधी कानून के तहत नजरबंद कर दिया गया. पंजाब सरकार के गृह विभाग ने सईद की नजरबंदी का आदेश जारी किया था. लाहौर पुलिस ने चौबुरजी स्थित जमात-उद-दावा मुख्यालय पहुंचकर इस आदेश को क्रियान्वित किया.
जमात-उद-दावा के पदाधिकारी अहमद नदीम ने बताया कि सईद ‘मस्जिद-ए-कदसिया चौबुरजी’ में है और बड़ी संख्या में पुलिस बल ने संगठन के मुख्यालय को घेर रखा है. इधर अपनी गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद हाफिज सईद ने एक वीडियो जारी कर कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रेशर से ऐसा किया जा रहा है. ट्रंप जो अमेरिका के नये राष्‍ट्रपति बने हैं वो भारत के साथ अपनी दोस्‍ती निभा रहे हैं.

नदीम ने कहा, ‘‘पुलिस अधिकारी ने हमें बताया कि उसके पास जेयूडी प्रमुख को नजरबंद करने का आदेश है जिसे पंजाब के गृह विभाग ने जारी किया है.’ एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘हम हाफिज सईद को जौहर टाउन स्थित उसके आवास पर ले जा रहे हैं जहां उसे सरकार के आदेश पर नजरबंद रखा जाएगा.’ उन्होंने कहा कि सईद के आवास को उप-कारागार घोषित कर दिया गया है.
गृह विभाग के निर्देश पर लाहौर में जमात-उद-दावा के मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया गया है. नजरबंदी से कुछ घंटे पहले सईद ने कहा कि अगर ‘दबाए हुए कश्मीरियों’ की आवाज उठाने के लिए उसके संगठन पर किसी तरह का अंकुश लगाया जाता है तो उसे कोई परवाह नहीं है. उसने नवाज शरीफ सरकार को चतावनी दी कि अगर कोई अंकुश लगाया जाता है तो उसका संगठन अदालत का रुख करेगा.

पंजाब के गृह मंत्रालय ने तीन दिन पहले सईद और चार अन्य- अब्दुल्ला उबैद, जफर इकबाल, अब्दुर रहमान आबिद और काजी कासिफ नियाज- के नाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 1267 प्रस्तावों के तहत निगरानी सूची में डाल दिए थे तथा इनको एहतियातन हिरासत में लने का आदेश दिया था.

उबैद, इकबाल, आबिद और नियाज को भी नजरबंद किया गया है. पंजाब सरकार ने यह कदम उस वक्त उठाया गया है जब ट्रंप प्रशासन की ओर से आतंकवाद को लेकर कदम उठाने का दबाव बढा है.

अमेरिका ने इस्लामाबाद से स्पष्ट कह दिया है कि जमात-उद-दावा और सईद के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में पाकिस्तान को प्रतिबंधों का सामना करना पड सकता है.

जमात-उद-दावा प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है. लश्कर 2008 के मुंबई हमले सहित कई आतंकवादी घटनाओं के लिए जिम्मेदार है. संयुक्त राष्ट्र ने जून, 2014 में जमात-उद-दावा को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था.

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