भारत में आतंक फैलाने के लिए नौ भारतीयों को नियुक्‍त किया था आईएस के अबुधाबी माड्यूल ने

कुख्‍यात आतंकी संगठन इस्‍लामी स्‍टेट के अबुधाबी माड्यूल ने भारत और पड़ोसी देशों में दहशत फैलाने के लिए दक्षिण भारत के नौ लोगों को अपने संगठन में शामिल किया था. इस माड्यूल के संचालकों में तीन भारतीय थे. राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में इसका खुलासा हुआ है. इसमें पता चला है कि नौ में से आठ तमिलनाडु के हैं जबकि एक तेलंगाना का है.
एनआईए ने दर्ज किया है मामला
एनआईए ने करीब 15 दिनों पहले इस बारे में एक मामला दर्ज किया है. इसके अनुसार, चेन्‍नई और देश के अन्‍य भागों में आपराधिक साजिश रची गई और आतंकी गैंग बनाया गया है. इस गैंग ने चंदा जुटाया है और विदेश से भी धन प्राप्‍त किया है. इनमें से कुछ लोगों को इस्‍लामिक स्‍टेट की लड़ाई में शामिल होने के लिए सीरिया भी भेजा है.
इंडियन एक्‍सप्रेस की खबर के अनुसार, भटकल शहर का निवासी अदनान हुसैन उर्फ अदनान दामुदी वर्ष 2012 से ही यूएई में काम करता है. पुलिस को उस पर शक तब हुआ जब उसने हैदराबाद के एक युवक अब्‍दुल बासित के खाते में पैसे भेजे. उसे भारत में आईएस के लिए भर्ती करने वाले सुल्‍तान अरमार और शफी अरमार ने भर्ती किया था.
पिछले साल हुआ था इस माड्यूल का खुलासा
इस माड्यूल का पिछले साल जनवरी में तब खुलासा हुआ था जब यूएई ने तीन भारतीयों को अपने देश से निकाल दिया. अदनान ने बासित के खाते में पैसे इसलिए डाले थे कि ताकि वह आईएस के लिए भर्ती किए गए चार अन्‍य लोगों को हैदराबाद से लेकर देश के बाहर भाग सके लेकिन तभी परिवार वालों को इसकी भनक लग गई और उन्‍होंने मदद की गुहार लगा दी.

चल रही है जांच
एआईए अब अबुधाबी माड्यूल के दामुदी और उसके सहयोगी दो अन्‍य लोगों की गतिविधियां खंगाल रही है. इसने दक्षिण भारत के कई लोगों को आईएस के लिए भर्ती किया है. इनमें कुछ सीरिया का दौरा भी कर चुके हैं.
पता चला है कि अरमार और हैदराबाद निवासी मुहम्‍मद नफीस खान उर्फ फातिमा खान उर्फ अबु जर्रार ने हैदराबाद के दो लोगों को वर्ष 2015 में सीरिया जाने में मदद की थी. नफीस को आईएस का स्‍थानीय नेता माना जाता है.

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