पटना HC का सरकार को निर्देश, जिला उपभोक्ता फोरम के खाली पदों को शीघ्र भरें

पटना : हाइकोर्ट ने जिला उपभोक्ता फोरम व राज्य आयोग में अध्यक्ष व सदस्यों के पर्याप्त संख्या नहीं होने पर उसे शीघ्र भरे जाने का राज्य सरकार को आदेश दिया है. हाइकोर्ट ने सदस्यों को मानदेय दिये जाने पर सवाल उठाया. कोर्ट ने कहा कि जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्यों को महज 12 हजार व राज्य आयोग के सदस्यों को 15 हजार दिया जाना कहां तक न्यायोचित है. न्यायमूर्ति नवनीति प्रसाद सिंह व न्यायमूर्ति विकास जैन की खंडपीठ ने राज्य सरकार से जानकारी मांगी है. तीन सप्ताह के बाद मामले पर फिर सुनवाई होगी.

न्यायपालिका में आरक्षण के सवाल पर हाइकोर्ट ने प्रशासन को हलफनामा दायर करने को कहा है. न्यायमूर्ति नवनीति प्रसाद सिंह व न्यायमूर्ति विकास जैन की खंडपीठ ने दो सप्ताह में हलफनामा देने का आदेश दिया है. शत्रुघ्न कुमार व अन्य एससी कोटे के सदस्यों ने लोकहित याचिका में सवाल खड़ा किया कि सरकार ने आरक्षण में जो कोटा निर्धारित किया उससे इस जाति को फायदा नहीं है. एससी के लिए कट ऑफ मार्क्स पांच फीसदी रखा गया है.

पहले 15 से 20 फीसदी रखा जाता था. एससी कोटे से पर्याप्त सीट नहीं होने से अति पिछड़ी जातियों को आरक्षण देने की नयी व्यवस्था की गयी है. कोर्ट ने कहा कि साठ साल के बाद भी एससी व एसटी को इंट्री के लिए किसी सहारे की क्यों जरूरत है. इसे समाज की मुख्यधारा में आना चाहिए. हालांकि इस मामले में राज्य सरकार व बीपीएससी ने अपना-अपना पक्ष रखा है. केवल हाइकोर्ट प्रशासन को अपना पक्ष रखना है.
हाजीपुर में कुशवाहा चौक पर सड़क की जमीन पर बने सामुदायिक भवन को एक सप्ताह के भीतर ध्वस्त करने का आदेश पटना हाइकोर्ट ने दिया है. सामुदायिक भवन के निर्माण में होनेवाली खर्च की राशि को सशक्त स्थायी समिति से वसूलने का आदेश दिया है. खर्च की राशि जमा नहीं करने पर समिति के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कहा गया है. कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता व न्यायमूर्ति सुधीर सिंह की खंडपीठ ने कुंदन कश्यप की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया. लोकहित याचिका में कहा गया कि सड़क पर भवन बनाने से यातायात में परेशानी हो रही है.

निर्णय पर होगा फैसला

तांती, तमोली जाति को एससी में शामिल किये जाने के मामले में कोर्ट के निर्णय पर फैसला होगा. तांती,तमोली को एससी में शामिल करने पर एससी के लोगों ने नाराजगी व्यक्त की है.

भीमराव अंबेदकर विचार मंच की ओर से लोकहित याचिका दायर कर कहा गया कि राजनीतिक फायदा उठाने के लिए गैर संवैधानिक तरीके से शामिल किया गया है. कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता ने सुनवाई करते हुए मामले को एक माह के लिए टाल दिया है. इस मामले में कोर्ट के निर्णय पर फैसला होगा.

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