चुनाव खत्म होते ही गिरफ्तार हुए गायत्री प्रजापति, गैंगरेप केस में भेजे गए जेल

यूपी के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता गायत्री प्रसाद प्रजापति को लखनऊ सत्र अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. इससे पुलिस ने प्रजापति को लखनऊ से गिरफ्तार किया था . गायत्री प्रसाद प्रजापति पर गैंगरेप का आरोप है.
खास बात ये रही कि गिरफ्तारी के बाद भी प्रजापति का रसूख कम नहीं पड़ा. समर्थक आलमबाग थाने से उन्हें मेडिकल के लिए अस्पताल और फिर कचहरी पुलिस जीप की बजाय फोर्च्युनर से ले गए.यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) दलजीत चौधरी ने न्यूज18 से बातचीत में कहा कि इस मामले में सभी सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
दरअसल, गैंगरेप मामले में केस दर्ज होने के बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति कई दिनों से फरार था. यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था, जहां अदालत ने गायत्री को जल्द गिरफ्तार करने का आदेश दिया था.
यूपी विधानसभा चुनाव में भी गायत्री का मामला खूब गूंजा था. भाजपा ने कई नेताओं ने कहा था कि यदि उनकी सरकार बनती है तो जल्द गायत्री जेल के भीतर होंगे. अब यूपी में चुनाव के बाद हालात बदल चुके हैं. गायत्री की गिरफ्तारी यूपी पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है.
गिरफ्तारी पर किसने क्या, कहा?
इस दौरान गायत्री प्रजापति के वकील सुनील सिंह ने मीडिया से कहा कि माननीय मंत्री कहीं फरार नहीं थे. वो अपने न्यायिक अधिकारों का प्रयोग कर रहे थे. वो समर्पण के लिए जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उन्हें गिरफ्तार किया गया.
वहीं, एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि गायत्री प्रजापति के नाम को लेकर जो भी सूचनाएं मिल रही थी, वहां इनके कई ठिकानों में पिछले 4-5 दिनों से दबिश दी जा रही थी. उन्हें आशियाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है. उनकी संपत्ति की कुर्की कराने के लिए हम तैयार थे. हमें सूचना मिली थी कि इसी के बाद काफी दबाव में थे और सरेंडर करने जा रहे थे. उसी सूचना के आधार पर हमारी टीम ने बीच रास्ते में गिरफ्तार किया गया.
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि हम तो बोल ही रहे थे कि हमारी सरकार आते ही अपराधी गुंडे पकड़े जाएंगे. यह उसी का नतीजा है. अभी तक उनकी सरकार तो बचा ही रही थी, इसलिए ही तो मंत्रीपद से हटाया नहीं गया था.
केंद्रीय मंत्री संजीव बलियान ने कहा कि गिरफ्तार तो होना ही था, क्योंकि कोर्ट का आदेश था. दरअसल, राजनीतिक दबाव में गिरफ्तारी नहीं हो रही थी. जैसे ही ये संदेश पहुंचा कि अब भाजपा की सरकार आ रही है तो मशीनरी में संदेश गया कि अपराध बर्दाश्त नहीं होगा. अब गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी सबके सामने है.
इससे पहले लखनऊ पुलिस ने गायत्री प्रसाद प्रजापति पर शिकंजा कसने के लिए उनके दोनों बेटों को हिरासत में लिया था. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गायत्री के बेटों ने आरोपियों को शरण दी थी.
पुलिस पहले ही गायत्री के गनर चंद्रपाल को गिरफ्तार कर चुकी है. मंगलवार को पुलिस ने छापा मारकर रुपेश, विकास और पिंटू को गिरफ्तार किया था. इस दौरान खुफिया एजेंसियों ने गायत्री प्रजापति को लेकर एयरपोर्ट पर भी अलर्ट जारी किया था, ताकि कहीं वो देश छोड़़कर फरार न हो जाएं.
क्या है आरोप?
महिला का आरोप है कि वह प्रजापति से लगभग तीन साल पहले मिली थी. उस समय मंत्री ने उसकी चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोशी की हालत में उसके साथ बलात्कार किया और उसकी तस्वीरें भी ले ली.
महिला ने आरोप लगाते हुए कहा था कि इसके बाद प्रजापति ने उसको कई बार तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल करते हुए रेप किया.यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) दलजीत चौधरी ने न्यूज18 से बातचीत में कहा कि इस मामले में सभी सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
दरअसल, गैंगरेप मामले में केस दर्ज होने के बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति कई दिनों से फरार था. यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था, जहां अदालत ने गायत्री को जल्द गिरफ्तार करने का आदेश दिया था.
यूपी विधानसभा चुनाव में भी गायत्री का मामला खूब गूंजा था. भाजपा ने कई नेताओं ने कहा था कि यदि उनकी सरकार बनती है तो जल्द गायत्री जेल के भीतर होंगे. अब यूपी में चुनाव के बाद हालात बदल चुके हैं. गायत्री की गिरफ्तारी यूपी पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है.
गिरफ्तारी पर किसने क्या, कहा?
इस दौरान गायत्री प्रजापति के वकील सुनील सिंह ने मीडिया से कहा कि माननीय मंत्री कहीं फरार नहीं थे. वो अपने न्यायिक अधिकारों का प्रयोग कर रहे थे. वो समर्पण के लिए जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उन्हें गिरफ्तार किया गया.
वहीं, एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि गायत्री प्रजापति के नाम को लेकर जो भी सूचनाएं मिल रही थी, वहां इनके कई ठिकानों में पिछले 4-5 दिनों से दबिश दी जा रही थी. उन्हें आशियाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है. उनकी संपत्ति की कुर्की कराने के लिए हम तैयार थे. हमें सूचना मिली थी कि इसी के बाद काफी दबाव में थे और सरेंडर करने जा रहे थे. उसी सूचना के आधार पर हमारी टीम ने बीच रास्ते में गिरफ्तार किया गया.
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि हम तो बोल ही रहे थे कि हमारी सरकार आते ही अपराधी गुंडे पकड़े जाएंगे. यह उसी का नतीजा है. अभी तक उनकी सरकार तो बचा ही रही थी, इसलिए ही तो मंत्रीपद से हटाया नहीं गया था.
केंद्रीय मंत्री संजीव बलियान ने कहा कि गिरफ्तार तो होना ही था, क्योंकि कोर्ट का आदेश था. दरअसल, राजनीतिक दबाव में गिरफ्तारी नहीं हो रही थी. जैसे ही ये संदेश पहुंचा कि अब भाजपा की सरकार आ रही है तो मशीनरी में संदेश गया कि अपराध बर्दाश्त नहीं होगा. अब गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी सबके सामने है.
इससे पहले लखनऊ पुलिस ने गायत्री प्रसाद प्रजापति पर शिकंजा कसने के लिए उनके दोनों बेटों को हिरासत में लिया था. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गायत्री के बेटों ने आरोपियों को शरण दी थी.
पुलिस पहले ही गायत्री के गनर चंद्रपाल को गिरफ्तार कर चुकी है. मंगलवार को पुलिस ने छापा मारकर रुपेश, विकास और पिंटू को गिरफ्तार किया था. इस दौरान खुफिया एजेंसियों ने गायत्री प्रजापति को लेकर एयरपोर्ट पर भी अलर्ट जारी किया था, ताकि कहीं वो देश छोड़़कर फरार न हो जाएं.
क्या है आरोप?
महिला का आरोप है कि वह प्रजापति से लगभग तीन साल पहले मिली थी. उस समय मंत्री ने उसकी चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोशी की हालत में उसके साथ बलात्कार किया और उसकी तस्वीरें भी ले ली.
महिला ने आरोप लगाते हुए कहा था कि इसके बाद प्रजापति ने उसको कई बार तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल करते हुए रेप किया.यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) दलजीत चौधरी ने न्यूज18 से बातचीत में कहा कि इस मामले में सभी सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
दरअसल, गैंगरेप मामले में केस दर्ज होने के बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति कई दिनों से फरार था. यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था, जहां अदालत ने गायत्री को जल्द गिरफ्तार करने का आदेश दिया था.
यूपी विधानसभा चुनाव में भी गायत्री का मामला खूब गूंजा था. भाजपा ने कई नेताओं ने कहा था कि यदि उनकी सरकार बनती है तो जल्द गायत्री जेल के भीतर होंगे. अब यूपी में चुनाव के बाद हालात बदल चुके हैं. गायत्री की गिरफ्तारी यूपी पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है.
गिरफ्तारी पर किसने क्या, कहा?
इस दौरान गायत्री प्रजापति के वकील सुनील सिंह ने मीडिया से कहा कि माननीय मंत्री कहीं फरार नहीं थे. वो अपने न्यायिक अधिकारों का प्रयोग कर रहे थे. वो समर्पण के लिए जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उन्हें गिरफ्तार किया गया.
वहीं, एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि गायत्री प्रजापति के नाम को लेकर जो भी सूचनाएं मिल रही थी, वहां इनके कई ठिकानों में पिछले 4-5 दिनों से दबिश दी जा रही थी. उन्हें आशियाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है. उनकी संपत्ति की कुर्की कराने के लिए हम तैयार थे. हमें सूचना मिली थी कि इसी के बाद काफी दबाव में थे और सरेंडर करने जा रहे थे. उसी सूचना के आधार पर हमारी टीम ने बीच रास्ते में गिरफ्तार किया गया.
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि हम तो बोल ही रहे थे कि हमारी सरकार आते ही अपराधी गुंडे पकड़े जाएंगे. यह उसी का नतीजा है. अभी तक उनकी सरकार तो बचा ही रही थी, इसलिए ही तो मंत्रीपद से हटाया नहीं गया था.
केंद्रीय मंत्री संजीव बलियान ने कहा कि गिरफ्तार तो होना ही था, क्योंकि कोर्ट का आदेश था. दरअसल, राजनीतिक दबाव में गिरफ्तारी नहीं हो रही थी. जैसे ही ये संदेश पहुंचा कि अब भाजपा की सरकार आ रही है तो मशीनरी में संदेश गया कि अपराध बर्दाश्त नहीं होगा. अब गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी सबके सामने है.
इससे पहले लखनऊ पुलिस ने गायत्री प्रसाद प्रजापति पर शिकंजा कसने के लिए उनके दोनों बेटों को हिरासत में लिया था. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गायत्री के बेटों ने आरोपियों को शरण दी थी.
पुलिस पहले ही गायत्री के गनर चंद्रपाल को गिरफ्तार कर चुकी है. मंगलवार को पुलिस ने छापा मारकर रुपेश, विकास और पिंटू को गिरफ्तार किया था. इस दौरान खुफिया एजेंसियों ने गायत्री प्रजापति को लेकर एयरपोर्ट पर भी अलर्ट जारी किया था, ताकि कहीं वो देश छोड़़कर फरार न हो जाएं.
क्या है आरोप?
महिला का आरोप है कि वह प्रजापति से लगभग तीन साल पहले मिली थी. उस समय मंत्री ने उसकी चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोशी की हालत में उसके साथ बलात्कार किया और उसकी तस्वीरें भी ले ली.
महिला ने आरोप लगाते हुए कहा था कि इसके बाद प्रजापति ने उसको कई बार तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल करते हुए रेप किया.

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