पटना को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 3241 करोड़ रुपये आवंटित

पटना : पटना और मुजफ्फरपुर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए अलग-अलग एसपीवी (स्पेशल परपस व्हीकिल) कंपनी का गठन किया जायेगा.
मंगलवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. इसके तहत केंद्र प्रायोजित स्मार्ट सिटी मिशन योजना के अंतर्गत पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी और मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी बनायी जायेगी. पटना की कंपनी के लिए 2776 करोड़ और मुजफ्फरपुर कंपनी के लिए 1580 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.
यानी दोनों को मिला कर 4357 करोड़ रुपये दिये गये हैं. इसके अलावा पटना की योजना के लिए 465 करोड़ रुपये और मुजफ्फरपुर की योजना के लिए 490 करोड़ रुपये अलग से दिये गये हैं. दोनों कंपनियों के रजिस्ट्रेशन के लिए ढाई करोड़ रुपये राज्यांश के रूप में खर्च किये जायेंगे.
इसके अलावा इन कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर (बीओडी) में तीन नये पदों को जोड़ा गया है. प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में गठित इस बीओडी में अब संबंधित जिले के डीएम, मेयर और बुडको के एमडी भी सदस्य होंगे.
इसके अलावा बिहार नगरपालिका वार्ड समिति (सामुदायिक भागीदारी) नियमावली, 2013 में संशोधन को मंजूरी दी गयी. नगरपालिका क्षेत्र के विकास के लिए नगर निकायों में संचालित योजनाओं को सामुदायिक भागीदारी से क्रियान्वयन करने, नागरिकों को सरकारी योजनाओं से सीधे जोड़ने, योजनाओं के संधारण, संचालन और प्रबंधन में सामूहिक भागीदारी को विशेष तौर पर तवज्जो दी जायेगी. इसके तहत सुविधाओं के लिए नागरिकों से निर्धारित शुल्क वसूला जायेगा.
रामाचक व बैरिया के वासियों को मिलेगा मुआवजा
पटना नगर निगम क्षेत्र में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए चयनित दोनों स्थानों रामाचक और बैरिया में 80.53 एकड़ रैयती भूमि के मालिकों को मुआवजा देने के लिए 90 करोड़ 58 हजार रुपये मंजूर किये गये हैं. इससे पहले इस इलाके में भू-अर्जन के लिए 71 करोड़ 64 लाख रुपये जारी किये गये थे. इस बार यह राशि बड़ी हुई मुआवजा दर के आधार पर मंजूर की गयी है.
पटना में बनेंगे दो नये आसरा गृह
पटना जिले में पहले से संचालित विशेष गृह ‘आसरा’ के अलावा 50 आवासीय क्षमता वाले दो अतिरिक्त विशेष गृह ‘आसरा’ खोले जायेंगे.
इनके संचालन के लिए अब 76.68  लाख रुपये सालाना दिये जायेंगे, जिसमें 90% हिस्सेदारी राज्य सरकार और 10% हिस्सेदारी एनजीओ की होगी. पहले इन गृहों के संचालन के लिए 50 लाख रुपये सालाना दिये जाते थे. ‘आसरा’ गृह मानसिक रूप से निशक्त महिलाओं के रहने और इलाज के लिए खासतौर से बनाया गया है. वर्तमान में यह पटना और कोइलवर में चल रहा है.
मिड डे मील में अब सप्ताह में एक दिन मिलेंगे अंडा या मौसमी फल
राज्य सरकार वर्ष 2017-18 में मिड डे मील के अंतर्गत अपनी ओर से स्कूली छात्रों को पूरक पोषक आहार के रूप में सप्ताह में एक दिन अंडा या मौसमी फल देगी. इसके लिए छह महीने के लिए 151.14 करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं. इसका पूरा खर्च राज्य सरकार उठायेगी.
कृषि रोड मैप : 1.54 लाख करोड़
कृषि रोड मैप के तहत 2017 से 2022 के बीच 12 विभागों के लिए 1.54 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की स्वीकृति दी गयी है. इसके तहत सभी संबंधित विभागों में विशेष तौर पर योजनाएं चलायी जायेंगी, जिनके लिए अलग-अलग राशि विभागवार योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए आवंटित की गयी है. ये रुपये विभागवार पांच वर्षों में कृषि या इससे जुड़ी योजनाओं में खर्च किये जायेंगे.
इन विभागों को मिले इतने रुपये (करोड़ में)
कृषि : 21,612, पशु ए‌वं मत्स्य संसाधन: 5,685, ग्रामीण कार्य: 52,935, लघु जल संसाधन:  25,777, जल संसाधन:  24,614, सहकारिता:  6131, गन्ना:  1090, राजस्व एवं भूमि सुधार:  432, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण:  2262, ऊर्जा:  7070, पर्यावरण एवं वन संरक्षण:  2,435, और खाद्य प्रसंस्करण:  4,588.

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