संघ किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करता: मनमोहन वैद्य

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डा. मनमोहन वैद्य ने वीरवार को यहां पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए पिछले तीन दिनों से चल रही अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस तरह की बैठक प्रत्येक वर्ष होती है। जिसमें संघ के प्रांत प्रचारक, सह प्रांत प्रचारक, क्षेत्रीय प्रचारक व अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य भाग लेते है और इस बार यह बैठक जम्मू में हुई है। इस बैठक में जून माह में देश भर में लगे संघ शिक्षा वर्गों व संघ कार्य के विस्तार को लेकर चर्चा होती है। इस साल 87 संघ शिक्षा वर्ग लगे, जिसमे 23223 शिक्षार्थियों ने भाग लिया। 40 साल से कम आयु वाले प्रथम बर्ष शिक्षार्थियों की संख्या 15816 थी एवम 40 साल से ऊपर की आयु के प्रथम वर्ष के शिक्षार्थियों की संख्या 3000 रही। द्वितीय वर्ष के शिक्षार्थियों की संख्या 3796 तथा तृतीय वर्ष में यह संख्या  899 रही । इस समय देश में 51688 दैनिक शाखाएं चल रही हैं जबकि 13432 साप्ताहिक मिलन चल रहे हैं। देश भर में प्रचारक-विस्तारकों की संख्या 2965 है। पिछले तीन वर्षों में ज्वाइन आर.एस.एस. के माध्यम से 2015 में 31800, 2016 में 47209 और पिछले छः माह में 71872 लोगों ने संघ ज्वाइन करने के लिए आवेदन किया है।

ईशा फाउन्डेशन के स्वामी सतगुरू श्री जग्गी वासुदेव जी ने जल के संबर्धन के लिए एक “Rally for Rivers” अभियान लिया है , जिसमें नदी के किनारे वृक्षारोपण करने के इस अभियान में संघ के स्वयंसेवक देश भर में उनका सहयोग करेगें।

ग्राम विकास के क्षेत्र में 1100 गांव में विकास का कार्य शुरू किया गया है तथा 318 गांव में अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में 1000 से अधिक गौशालाऔं में देसी गायों के उत्पाद पर अनुसंधान हो रहा है। इस विषय पर भी इस बैठक में चर्चा हुई।

जम्मू कश्मीर के विषय पर पत्रकारो के प्रश्न के उत्तर में उन्होने कहा कि आतंकवाद व अलगाववाद को सख्ती से निपटना चाहिए इसमें किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं होना चाहिए।

गौ रक्षा के दौरान होने वाली हिंसा के जबाव में उन्होंने कहा कि गौ रक्षा का कार्य भारत में वर्षो से चल रहा है। संघ किसी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करता है और हिंसा करने वालों पर कानून के तहत कार्यवाही होनी चाहिए। इसके लिए संघ को बदनाम करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर में हिन्दु अल्पसंख्यक है और उन्हें अल्पसंख्यकों का दर्जा मिलना चाहिए के प्रश्न के उतर में उन्होंने कहा कि यह चर्चा का विषय है और इस पर चर्चा होनी चाहिए। जम्मू में रोहिङ्ग्यो ब बांग्लादेशियों की घुसपैठ को लेकर उन्होंने कहा कि संघ का शुरू से मानना है कि यह देश की सुरक्षा का मामला है और हर अवैध घुसपैठिए की पहचान होनी चाहिए और उनकी संबंधित देशों से बात कर वापिसी करवाने के प्रयास होने चाहिए। इस देश की पहचान हिन्दुत्व की है और यहां सभी के सुख की कामना की परंपरा रही है।

इस पत्रकार वार्ता में जम्मू कश्मीर के प्रांत संघचालक ब्रिग. सुचेत सिंह भी उपस्थित रहे ।

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