कोरोना के साये में क्या IPL होना ज़रूरी है?

नई दिल्ली। कोरोना महामारी (Covid-19) के बीच इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का 13वां संस्करण 19 सितंबर से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में शुरू करने की अनुमति BCCI ने सरकार से मांगी है। इसके लिए अभी सरकार से अनुमति नहीं मिली है। लेकिन इससे पहले ही कई ऐसे सवाल खड़े हो गए हैं जिनके जवाब मिले बगैर IPL का सुरक्षित आयोजन किया जाना असंभव है। हालांकि सरकार से अनुमति मिलना महज एक औपचारिकता ही है। फिलहाल तो IPL की फ्रेंचाइजी ये चाहती हैं कि किस तरह से सुरक्षित इसका आयोजन किया जाएगा इस पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए।

आईपीएल के आयोजन से जुड़ा मुख्य सवाल क्वारंटाइन, जांच और आइसोलेशन प्रोटोकॉल के संबंध में है। यदि किसी टीम का कोई सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित हो गया तो उसके बाद क्या होगा? क्या इसके बाद टीम के सभी सदस्यों की कोरोना वायरस की जांच होगी? क्या सभी सदस्यों को एक ही होटल में आइसोलेशन में रखा जाएगा और अगर अन्य टीम के सदस्य भी वहां रूके होंगे तो अगला मैच रद्द हो जाएगा या सभी की जांच किए जाने तक स्थगित रहेगा?

आईपीएल फ्रैंचाइजी यह भी जानना चाहते हैं कि अगर किसी सदस्य ने जैव सुरक्षित वातावरण में रहने के नियम का उल्लंघन किया तो फिर क्या किया जाएगा?

आईपीएल संचालन परिषद की बैठक में इस बात को स्पष्ट करना होगा कि यूएई में आईपीएल के दौरान टीम के सदस्यों को कितनी बार और किस समय पर कोविड-19 की जांच करानी होगी?इस जांच की जिम्मेदारी BCCI की होगी या फिर फ्रेंचाइजी की।

ऐसे में एक बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर खिलाड़ी के परिवार के सदस्य साथ में जुड़ना चाहें तो इसका प्रबंध कैसे होगा? टीम को भी टूर्नामेंट के दौरान तीन शहरों दुबई, अबु धाबी और शारजाह का दौरा करना पड़ेगा और उस दौरान जैव सुरक्षित वातावरण के लिए क्या स्थिति रहेगी?

अगर यूएई में टीम को कहीं वैसे होटल में न ठहरना पड़ जाए, जहां पर्यटक और यात्री भी ठहरे हुए हों। यूएई में आईपीएल के दौरान सभी टीमों को करीब 80 दिनों तक रूकना होगा और इतने लंबे समय तक उनके सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना फ्रैंचाइजी के लिए बड़ी चुनौती साबित होगी।

कुछ फ्रैंचाइजी अपनी टीम को लेकर 20 या 21 अगस्त तक यूएई पहुंच जाना चाहते हैं ताकि खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए कम से कम तीन सप्ताह का समय मिल सके। कोरोना वायरस के कारण अधिकतर खिलाड़ियों ने कुछ महीनों से प्रशिक्षण नहीं लिया है और मैदान पर उतरे नहीं हैं।

फ्रैंचाइजी को इस सवाल का जवाब चाहिए कि इस तरह की स्थिति में खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर क्या उपाय किये गये हैं? क्या बस चालकों और होटल कर्मचारियों को भी जैव सुरक्षित वातावरण का हिस्सा होना पड़ेगा? क्या संचालन परिषद के पास इसके लिए कोई योजना है?

सबसे बड़ी बात तो यह है कि अगर सब सवालों के जवाब मिल भी जाएं तो भी इस बात की क्या गारंटी है कि कोई खिलाड़ी या मैनेजमेंट या आयोजक कोरोना की चपेट में नहीं आयेगा। और कहीं कोई बड़ा हादसा इस कारण से हो गया तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। क्या खिलाड़ी की, क्या IPL आयोजकों की या फिर सरकार की?

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