बासु चटर्जी नहीं रहे…

अतुल गंगवार

सिनेमा की दुनिया भी अजीब है। इसका वर्तमान जितना चमकदार होता है भविष्य उतना ही अंधकार से भरा हुआ। आज के चमकते सितारे, लेखक- निर्देशक जिनके बिना आप सिनेमा की कल्पना भी नहीं कर सकते अपना वक्त बीत जाने के बाद जाने कहां खो जाते हैं। फिर एक दिन उनके इस दुनिया से चले जाने की ख़बर आती है तो बहुत सी पुरानी यादें सिनेमा की रील की तरह आंखों के सामने से गुज़रने लगती हैं। आज ऐसे ही एक शख्स के दुनिया छोड़कर जाने की ख़बर ने बहुत सी यादों को ताज़ा कर दिया। भारतीय सिनेमा को अनेक यादगार फिल्में देने वाले बासु चटर्जी का आज 90 वर्ष की आयु में देहांत हो गया।

बासु चटर्जी का सिनेमा हृषिकेश मुखर्जी के सिनेमा के बहुत निकट था। 1969 में बतौर निर्देशक उनकी पहली फिल्म सारा आकाश प्रदर्शित हुई थी। इससे पहले उन्होंने बासु भट्टाचार्य के सहायक के रूप में फिल्म तीसरी कसम में काम किया था। हृषिकेश मुखर्जी की तरह मध्यम वर्ग से जुड़ी हुई कहानियों पर उन्होंने कई बेहतरीन फिल्में बनाई जो आज भी डिजीटल मीडियम पर लगातार देखी जाती हैं। पिया का घर, रजनीगंधा, छोटी सी बात, चितचोर, उस पार, खट्टा मीठा, दिल्लगी, मंज़िल, चक्रव्यूह, बातों बातों में, शौकीन, पसंद अपनी अपनी जैसी अनेक फिल्मों के साथ उन्होंने एक रुका हुआ फैसला (टेली फिल्म) और कमला की मौत जैसी प्रयोग धर्मी फिल्में भी बनाई। फिल्मों के अतिरिक्त रजनी, ब्योमकेश बख्शी, कक्का जी कहिन जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों का भी निर्देशन बासु चटर्जी ने किया।

मेरी पीढ़ी के दर्शकों पर उनकी फिल्में चितचोर, रजनीगंधा, छोटी सी बात, बातों बातों में का जादू सर चढ़कर बोला। सीधी सरल कहानियां, हृदय को छूने वाला गीत संगीत उनकी फिल्मों की विशेषता थी। संभवतया देश की पहली एडल्ट कॉमेडी बनाने का श्रेय भी बासु चटर्जी जी को ही जाता है। अशोक कुमार, ए.के हंगल और उत्पल दत्त की मुख्य भूमिका वाली फिल्म शौकीन को कौन भूल सकता है। आज की पीढ़ी को इस फिल्म का रीमेक अनुपम खेर, अन्नू कपूर और पीयूष मिश्रा की मुख्य भूमिका में इसी नाम की फिल्म शौकीन में देखने को मिला है। पुरानी फिल्म में जो भूमिका मिथुन चक्रवर्ती ने निभायी थी वही भूमिका नई फिल्म में अक्षय कुमार ने निभायी है।

बासु दा बहुत दिनों से सक्रिय नहीं थे। उम्र पर किसका बस चलता है। लेकिन उनकी फिल्में भारतीय सिनेमा की धरोहर हैं। आप सदैव सिनेमा प्रेमियों के दिलों में अपनी फिल्मों के जरिए बसे रहेंगे। सिनेमा प्रेमियों की ओर से बासु दा आपको विनम्र श्रृद्धांजलि।

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