नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी पर विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित याचिकाओं पर सुनवाई से रोक लगाने के केंद्र के अनुरोध को यह कहकर खारिज कर दिया कि इससे उन्हें त्वरित राहत मिल सकती है. साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को नोटिस भी जारी किया है और उनसे जवाब मांगा गया है.उच्चतम न्यायालय ने बड़े नोटबंदी के मुद्दे पर दायर सभी याचिकाओं के या तो शीर्ष अदालत अथवा किसी एक उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने संबंधी केंद्र की याचिका पर सुनवाई के लिए दो दिसंबर की तारीख तय की. अटॉर्नी जनरल ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि बड़े नोटों के अमान्यीकरण के कदम के बाद बैंकों में अब तक छह लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा हुई है .
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि बडे नोटों के अमान्यीकरण के कदम के बाद पैसों के लेने देन के लिए डिजिटल इस्तेमाल में ‘‘बड़ा उछाल’ आया है.
अटॉर्नी जनरल ने उच्चतम न्यायालय को बताया, सरकार ने एक समिति का गठन किया है जो नोटबंदी के कदम पर समूचे देश में जमीनी हालात का आकलन करेगी
गौरतलब है कि नोटबंदी को लेकर देश के अलग-अलग हाई कोर्ट में दर्ज मुकदमों की एक साथ सुनवाई की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हो रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने 18 नवंबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि बैंकों और डाकघरों के बाहर जनता की लंबी लाइनें गंभीर मामला है. साथ ही केंद्र सरकार से जवाब भी मांगा था कि इन लाइनों को कम करने के लिए आप क्या कदम उठा रहे हैं.