वैज्ञानिक एवं धरातल के उपाय अपनाकर कोरोना से बचिए- विनय भारद्वाज

कोरोना महामारी एक ऐसा प्रकोप है जिसने मनुष्य के जीवन को अस्त व्यस्त करके रख दिया है। अपने को शक्तिमान मानकर पर्यावरण, जीव-जंतुओ, नदी-सागर सबके साथ खिलवाड़ करते करते मनुष्य ने अपने को सर्व शक्तिमान समझ लिया था। चांद और मंगल पर चढ़ाई करने का बाद तो उसके पैर ज़मीन पर ही नहीं पड़ रहे थे। कोरोना ने उसकी उड़ान पर रोक लगा दी है। आज उसे अपने जीने की शेली पूरी तरह से बदलनी पड़ रही है। कैसा होगा आगे मनुष्य का जीवन? ये सवाल आज उसके सामने है। इसी सवाल का जवाब जानने के लिए हमारे संवाददाता ने बात की प्रसिद्ध समाजसेवी एवं ज्योतिषी श्री विनय भारद्वाज से।

विनय जी कोरोना महामारी को लेकर आज हर आदमी के मन में डर बस गया है। लोग इसको लाइलाज तो मान ही रहें हैं लेकिन एक अंधविश्वास भी इसको लेकर फैलाया जा रहा है। आपका क्या कहना है?

वि.भा.– देखिए एक बात तो मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि कोरोना महामारी को लेकर बहुत सारे अंधविश्वास जो समाज में फैल रहे हैं या फैलाये जा रहे हैं, वो कोरे बकवास हैं। जैसे, ग्रामीण क्षेत्रों में अब कोरोना को ‘कोरोना माई’ कहकर पूजे जाने का समाचार भी आ रहा है। इसके लिये शांति पाठ किये जाने का समाचार भी मिल रहा है। ये सब फालतू की चीजे हैं। कोरोना कोई ईश्वरीय आपदा नहीं है। ये मनुष्य के द्वारा बनाई गई महामारी है। इसलिए इससे बचाव पूजा करके शांति पाठ करके नहीं किया जा सकता है।

बि.अ.– तो आपके विचार से कैसे इस महामारी से छुटकारा पाया जा सकता है?

वि.भा.- देखिए अगर कोरोना से बचना है तो जो वैज्ञानिक और धरातल पर के उपाय हैं, वही कीजिये। सकारात्मकता एक सबसे बढ़िया एवं आसान उपाय है। जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपना कर हम इस महामारी पर काबू पा सकते हैं। हमारे मस्तिष्क में ही वो ऊर्जा उपस्थित है, जो आपकी प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यूनिटी पाँवर बढ़ा सकती है। इसका सीधा संबंध मस्तिष्क के उन तंत्रिकाओं को विकसित करने से है, जो रोगों से लड़ने और जीतने की ताकत आपको देता है। यदि कोई व्यक्ति बहुत बीमार हो और यहाँ तक कि उसे शक हो कि उसे कोरोना हो सकता है या कोई गंभीर बीमारी हो सकती है तो सकारात्मक सोच उसको बीमारी से लड़ने की ताकत देती है।

बि.अ.– लेकिन जिस ऊर्जा की आप बात कर रहें हैं, उसको किस तरह से जगाया जाये?

वि.भा.- इस कार्य में मैं मदद करने के लिए तैयार हूं। बिल्कुल वैज्ञानिक तरीके से उसकी सहायता की जा सकती हैं। ऐसे मामले मेरे सामने आये हैं और मैने कई लोगों की मदद भी की है। यदि किसी को आवश्यकता हो तो मुझसे संपर्क कर सकता है। कोई शिविर लगाकर जनकल्याण का यह काम करना चाहता हो तो मेरी पूरी सहायता लोगों को प्रत्यक्ष रुप से मिलेगी।

बिहार अपडेट ब्यूरो

चित्र आभार pixabay.com

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