Children’s Day: जवाहर लाल नेहरू के 5 प्रेरक विचार

बिहार अपडेट: देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिवस आज यानी 14 नवंबर को मनाया जाता है। जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। बच्चों के प्रति उनका जो प्यार और लगाव था उसी की वजह से हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। नेहरू जी को लोग प्यार से चाचा नेहरू या चाचाजी कहकर भी बुलाते थे। 16 साल की उम्र तक जवाहर लाल नेहरू की अधिकांश शिक्षा उनके घर पर ही हुई। इस दौरान उन्हें अंग्रेजी, हिंदी और संस्कृत भाषा की शिक्षा मिली। लेकिन अंग्रेजी की पढ़ाई पर विशेष जोर रहा। इसके बाद 1905 में नेहरू जी ब्रिटेन चले गए और वहां से आगे की पढ़ाई की। उन्होंने यहां कैंब्रिज में नेचुरल साइंस की डिग्री हासिल करने के लिए तीन साल गुजारे। इसके बाद अगले दो साल में नेहरू जी ने बैरिस्टरी की पढ़ाई की। जिंदगी को लेकर उनके कुछ अलग और प्रेक विचार हुआ करते थे जैसे:

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  • दुसरों के अनुभवों से लाभ उठाने वाला बुद्धिमान होता है।
  • जब तक मैं स्वयं में आश्वस्त हूँ की किया गया काम सही काम है तब तक मुझे संतुष्टि रहती है।
  • चुनाव जनता को राजनीतिक शिक्षा देने का विश्वविधालय है |
  • लोकतंत्र और समाजवाद लक्ष्य पाने के साधन है, स्वयं में लक्ष्य नहीं।
  • आपतियां हमें आत्म-ज्ञान कराती हैं,ये हमें दिखा देती हैं कि हम किस मिट्टी के बने हैं |
  • अज्ञानता बदलाव से हमेशा डरती है।
  • संकट के समय हर छोटी चीज मायने रखती है।

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