मुजफ्फरपुर: बैंक में जमा हुए करोड़ों, पर मिली नहीं जनता को फूटी कौड़ी

सरैया (मुजफ्फरपुर) : घर के सारे पैसे बैंक पर जमा कर दिये. सात दिनों से लाइन में खड़े हैं, इस उम्मीद से कि कुछ पैसा निकासी हो जाये़ बैंक वाले सिर्फ पैसा जमा ले रहे. दे नहीं रहे, कहते हैं मेन ब्रांच से पैसा नहीं आया, तो हम क्या करें? जैसे ही आयेगा. हम बांटना शुरू कर देंगे. सुबह से शाम तक यहीं कतार में लगे रहते हैं. गांव घर में सबके साथ यही दिक्कत है. कोई पैसा देना नहीं चाहता. राशन की दुकानवाले उधारी दे रहे, लेकिन वह भी कब तक देंगे. बच्चों का गुल्लक तोड़ दिया है. कुछ पैसे थे, जिनसे गृहस्थी चल रही है. सरैया प्रखंड बहिलवारा स्थित उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक शाखा में पैसे के लिए कतार में खड़े लोग अपना दर्द सुना रहे रहे थे.

बहिलवारा की बैंक…
मंगलवार को उनका धैर्य जवाब देने लगा. हंगामा व नारेबाजी करने लगे. बैंककर्मियों को अंदर जाने से रोका. इलाके में नौ किलोमीटर के दायरे में सिर्फ एक बैंक है. चार पंचायत बहिलवारा रूपनाथ उत्तरी, बहिलवारा रूपनाथ दक्षिणी, बहिलवारा रूपनाथ गोविंद व गोरीगामाडीह की लगभग एक लाख आबादी के लिए एकमात्र यही बैंक सहारा है. नोटबंदी के पहले दिन 46 लाख रुपये इस शाखा में जमा हुये. अब तक दो करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं.
रुपये निकालने के लिए कतार में खड़े लोग शोर मचा रहे थे. कब आयेगा पैसा. घर का खर्चा कैसे चलेगा. कुछ लोग कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगा रहे थे. बैंककर्मी दिलासा दे रहे थे, एक -दो दिन में आ जायेगा. शाखा प्रबंधक लोकरंजन ने कहा कि मेन ब्रांच को नये नोट के लिए डिमांड भेजी गयी है. जैसे ही वहां से पैसा आयेगा, ग्राहकों को दिया जायेगा.
बेलवर चौधरी टोला निवासी सलेहर कुंवर ने बताया कि दिल्ली से बेटा छठ के पहले 1500 रुपये घर खर्च के लिए भेजा था, लेकिन रुपया नहीं मिलने के कारण घर का राशन भी खत्म हो गया है. कौशल चौधरी ने बताया कि उनका बेटा मुन्ना राजस्थान से घर खर्च के लिए 5000 रुपये भेजे थे. घर में बच्चे व पत्नी सरदी, खांसी व बुखार से पीड़ित हैं, रुपया नहीं मिलने के कारण किसी का इलाज नहीं हो पा रहा है. वैशाली के बेलसर बाजार स्थित एटीएम से पैसा निकालने गया था, लेकिन मशीन में कैश नहीं होने के कारण बैरंग लौटना पड़ा.
बहिलवारा के रुपनाथ निवासी सुरेश पटेल ने बताया कि बेटे की शादी 25 नवंबर को है, लेकिन पैसे के कारण परेशानी हो रही है. नाते-रिश्तेदारों के साथ भी यही समस्या है. मांग-मांग कर कुछ पैसे जुटाये हैं. उधार कर व्यवस्था कर रहे हैं.
खोरमपुर निवासी सेवानिवृत अभियंता बिंदेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि पुराने घरेलू खर्च को पूरा करने के लिए अपने पौत्र के गुल्लक से लगभग 4000 रुपये निकाले, जिससे कुछ परेशानी कम हुई है. मनीष कुमार, सुदामा देवी, रामबाबू राज, उपेंद्र राय सहित दर्जनों ग्राहकों ने बताया कि यदि बुधवार को नकद भुगतान नहीं किया गया तो उग्र प्रदर्शन किया जायेगा.

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