बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में 20,000 ‘फर्जी’ छात्रों के नाम पर हुए रजिस्ट्रेशन

पटना : अभी तक बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में फेल-पास और टॉपर बनाने का खेल ही सामने आया था, लेकिन इस कड़ी में अब पैसे लेकर फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाने का नया मामला भी जुड़ गया है. एक नहीं, दो नहीं, बल्कि 20 हजार नकली छात्र-छात्राएं पकड़ में आये हैं, जिन्होंने फर्जी तरीके से अप्रैल, 2016 में नौवीं का परीक्षा फाॅर्म भर दिया था. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने नौवीं की परीक्षा का ऑनलाइन फाॅर्म भरनेवाले तमाम परीक्षार्थियों का बिना जांच के मैट्रिक में रजिस्ट्रेशन कर दिया था. लेकिन, अब जब मैट्रिक का ऑनलाइन परीक्षा फाॅर्म भराया जा रहा है, तो यह फर्जीवाड़ा पकड़ में आ रहा है. समिति की मानें, तो चेकलिस्ट तैयार करने के दौरान ये नकली परीक्षार्थी पकड़ में आये हैं. अप्रैल, 2016 में नौवीं का परीक्षा फाॅर्म ऑनलाइन भरा गया था.

उस समय समिति के तत्कालीन अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद और सचिव हरिहर नाथ झा की मिलीभगत से 20 हजार छात्र-छात्राओं का फर्जी तरीके से परीक्षा फाॅर्म भरवा दिया गया. सूत्रों की मानें, तो नौवीं का ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान भी कंप्यूटर इन नकली परीक्षार्थियों के परीक्षा फाॅर्म को नहीं ले रहा था, लेकिन तत्कालीन अध्यक्ष और सचिव ने अलग तरीके से इनके परीक्षा फाॅर्म भरवा दिये थे. मामला सामने आने के बाद अब समिति की ओर से स्कूल के प्रधानाध्यापक काे नकली छात्र और छात्राओं के विवरण का मिलान स्कूल अभिलेख से करने को कहा है. जिन छात्रों के विवरण में गड़बड़ी पायी जा रही है, उसे सही करके बोर्ड को ऑनलाइन ही भेजना है.

नकली छात्रों के सबसे अधिक मामले वैशाली और नालंदा से मिले हैं. सूत्रों की मानें, तो इन जिलों के अधिकतर स्कूलों से नकली छात्रों का नौवीं का परीक्षा फाॅर्म भरवाया गया था. ये किसी स्कूल के छात्र नहीं थे, बल्कि बाहर के छात्र थे. इन छात्रों से पैसे लेकर नौंवी का परीक्षा फाॅर्म समिति की ओर से भरवाया गया था.

मामले की जांच करवायी जा रही है. स्कूल को एक मौका दिया जा रहा है कि वह छात्रों के विवरण को सही करें. पर जिन छात्रों का रजिस्ट्रेशन फर्जी तरीके से हुआ है, उन्हें फाॅर्म नहीं भरने दिया जायेगा.

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