बाढ़ से क्षति का आकलन करने केंद्रीय टीम के बिहार ना आने पर नाराज़ नीतीश, केन्द्र की मंशा पर उठाए सवाल

बिहार में इस साल बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने के लिए केंद्रीय टीम के अभी तक बिहार नहीं आने से नाराज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा किया है. सीएम नीतीश ने शनिवार को गृह मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि बाढ़ के दो माह बाद भी केंद्रीय टीम का क्षति का आकलन करने बिहार ना आना गैर-औचित्यपूर्ण है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पत्र में लिखा है कि 23 अगस्त 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने केंद्रीय टीम को जल्द बिहार भेजने का अनुरोध किया था. इसके बाद 22 सितंबर, 2016 को बाढ़ से हुई क्षति का आकलन कर 4111.98 करोड़ रुपये का विस्तृत ब्योरा ज्ञापन के माध्यम से केंद्र सरकार को सौंप दिया गया. उन्होंने आगे लिखा है कि इस ज्ञापन को सौंपने के बाद बिहार सरकार लगातार केंद्र सरकार के अधिकारियों के संपर्क में रहकर टीम को बिहार भेजने का अनुरोध करती रही.

पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय टीम के बिहार आने की संभावित तिथि 10-11 नवंबर भी तय कर दी गई थी, लेकिन बाद इसे भी रद्द कर दिया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह को लिखा है कि बाढ़ से हुई क्षति का आकलन एक माह के अंदर ही कर लिया जाना चाहिए. मतलब ये कि सितंबर माह में ही बाढ़ से हुई क्षति का आकलन होना चाहिए था, लेकिन ये काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजनाथ सिंह को लिखे पत्र में उन्हें सूचित करते हुए लिखा है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में अब किसान रबी और तेलहन फसल लगाने लगे हैं. साथ ही बाढ़ से प्रभावित लोगों ने अपने क्षतिग्रस्त मकानों और सार्वजनिक संपत्तियों के पुनर्स्थापन का कार्य भी शुरु कर दिया है. ऐसे में बाढ़ से हुई क्षति का सही आकलन करने में गंभीर और व्यावहारिक कठिनाइयां होगी.

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