बक्सर सेंट्रल जेल से फरार कैदी गिरफ्तार, आत्महत्या का किया प्रयास

डोरीगंज ( छपरा ): बक्सर सेंट्रल जेल से फरार पांच हार्डकोर कैदियों में शामिल सारण जिला का देवधारी राय उर्फ डॉन को छपरा मुफस्सिल थाना की पुलिस ने मंगलवार की सुबह साढ़ा मठिया से गिरफ्तार कर लिया. जानकारी के मुताबिक देवधारी ने जैसे ही पुलिस को देखा उसने हाथ का नस काटकर सुसाइड करने की कोशिश की. पुलिस ने फरार कैदी को सदर अस्पताल में लाकर उसके कटे बाजू का प्राथमिक उपचार कराया, वहीं अस्पताल कर्मी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि हल्की खरोंच थी जिसका मरहमपट्टी कर दिया गया. फिलहाल पुलिस अन्य फरार कैदी के बारे में पूछताछ कर रही है.

रेप केस में मिली है आजीवन कारावास की सजा
जेल से भागने के बाद देवधारी भागकर छपरा पहुंचा था. देवधारी को छपरा कोर्ट से दुष्कर्म के आरोप में बीस वर्ष की सजा मिली हुई है. दुष्कर्म की घटना 8 अगस्त 2009 को हुई थी तब उसे गिरफ्तार किया गया था और वर्ष 2012 के अक्टूबर में छपरा जेल से मोतिहारी सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था. बाद में मोतिहारी में कैदियों के साथ मारपीट करने के कारण उसे बक्सर शिफ्ट किया गया. गिरफ्तारी के सम्बन्ध में पुलिसिया सूत्र बताते हैं कि फरार अपराधी के बारे में सूचना मिली कि वह मुफस्सिल थाना क्षेत्र के साढ़ा मठिया इलाके में है जिसके बाद सब इंस्पेक्टर ददन सिंह ,एएसआई जवाहिर राम एएसआई एम पी सिंह, बीएच जी मनोज कुमार तथा अन्य पुलिस कर्मियों ने एक अन्य लड़के के साथ उसे दबोच लिया. पुलिस के मुताबिक इस दौरान सभी सुरक्षाकर्मी सिविल में थे. गिरफ्तारी के बाद देवधारी ने अचानक ब्लेड से वह अपनी बायें हाथ को जख्मी कर आत्म हत्या का प्रयास किया था.

31 दिसंबर को हुए थे फरार

गौरतलब हो कि बक्सर के सेंट्रल जेल में बंद पांच कैदी 31 दिसंबर की सुबह फरार हो गये थे. जेल से भागने के लिए कैदियों ने अस्पताल वार्डन के शौचालय की खिड़की का इस्तेमाल किया था. पहले सभी ने मिलकर खिड़की तो तोड़ दिया फिर उसी रास्ते जेल से बाहर निकल गये थे. जेल पुलिस को जांच के क्रम में लोहे की सरिया और धोती मिली थी.गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी

सूत्रों के मुताबिक एक कैदी की गिरफ्तारी के बाद जेल प्रशासन अब बाकी चारों की गिरफ्तारी बहुत जल्द होने का दावा कर रहा है. पुलिस कैदियों की खोजबीन में लगी हुई है. पुलिस को पूरा भरोसा है कि बहुत जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जायेगा.गौरतलब हो कि इस मामले में कारा प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक जमादार समेत दो कक्षपालों को निलंबित कर दिया था. रिपोर्ट आइजी को सौंपी गयी है, जिसके बाद गृह विभाग को भेजा जायेगा. इसके बाद जेल सुपरिटेंडेंट पर गाज गिरनी तय है. इधर बंदियों के फरार होने के बाद जेल की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गयी है.

कैसे भागे कैदी ?
बंदी चादर और गमछे के सहारे रड से खिड़की तोड़ कर फरार हो गये थे. आखिर इन बंदियों के पास रड और पाइप कहां से पहुंचा. यह अहम सवाल बना हुआ है. कहीं-न-कहीं इस मामले में जेल कर्मियों की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. जिस तरह से कैदी फरार हैं उससे साफ जाहिर है कि इसके पहले कैदियों ने पूरी तरह से प्लानिंग की थी. प्लानिंग करने के बाद किसी-न-किसी जेल कर्मी को सामान पहुंचाने तक मिलाया होगा. इसके बाद घटना को अंजाम देकर फरार हो गये.

कैदियों पर भरोसा करना जेल प्रशासन को पड़ा महंगा
जो पांच कैदी शनिवार की अहले सुबह फरार हुए हैं, उन पर कारा प्रशासन काफी भरोसा करता था. कारा प्रशासन द्वारा कैदियों को कारा में आने जाने की छूट दी गयी थी. उन्हें कारा के कई महत्वपूर्ण कार्य में लगाया गया था. उन्हें कारा के किसी भी स्थान पर आने-जाने की छूट थी, जिसका लाभ उठाते हुए जेल से फरार होने की उन लोगों ने जेल से फरार होने की योजना बना डाली. इसमें महत्वपूर्ण भूमिका बक्सर के सोनू सिंह की मानी जा रही है. उसके पिता द्वारा समय-समय पर धोती पहुंचाया जाता था. इस संबंध में काराधीक्षक एसके चौधरी ने बताया कि सभी कैदी टीवी वार्ड में रहते थे. उसमें और भी कैदी व बंदी हैं. उसमें पूर्व में अस्पताल चलता था. उसमें सभी कैदी एक साथ नहीं गये.

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