चुनाव की तरह अब नोट बदलवाने वालों की उंगली पर भी लगेगी स्याही

पुराने नोट बदलने और एटीएम से पैसे निकालने में आ रही दिक्कतों के बीच सरकार ने भरोसा दिलाया है कि देश में नकदी की कोई कमी नहीं है.
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने आज प्रेस ब्रीफिंग कर बताया कि नोटबंदी के बाद बार-बार बैंक में पैसा बदलवाने के लिए पहुंच रहे लोगों के खिलाफ अब सरकार ने कार्रवाई करने का फैसला किया है. बार-बार पैसे बदलने आ रहे लोगों की अब पहचान की जाएगी. साथ ही काला धन जमा कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.syahi
कुछ लोग बार बार नोट बदलने आ रहे हैं जिनकी वजह से बैंकों में लंबी कतारें लग रही हैं. अब ऐसे लोगों की पहचान के लिए सरकार ने फ़ैसला किया है कि नोट बदलने वालों की उंगली पर मतदान की तरह ही निशान लगाए जाएंगे. बड़ी शहरों में आज से ही स्याही की व्यवस्था कर काम शुरू कर दिया गया है. जनधन खाते पर भी सरकार की पैनी नजर है. इन खातों में जमा करने वाली राशि की सीमा तय कर 50 हजार की गई है हालांकि इससे ज्यादा की वैध रकम जमा करने वालों को कोई असुविधा नहीं होगी. शशिकांत दास ने बताया कि नए नोट थोड़े रंग भी छोड़ सकते हैं. सरकार ने साफ किया है कि देश में किसी तरह का संकट नहीं है. ना ही नमक की कमी है और ना ही कोई कर्मचारी हड़ताल पर जा रहा है. सोशल मीडिया पर भी गलत तस्वीरों का इस्तेमाल कर पैनिक की स्थिति बनाने की कोशिश हो रही है लिहाजा लोग ऐसे अफवाहों पर ध्यान ना दें और संयम से काम लें. सरकार ने साफ किया है कि सरकारी अस्पतालों में पुराने नोट चलेंगे. शादी विवाह में आ रही दिक्कतों को देखते हुए भी सरकारी की सलाह है कि शगुन के तौर पर भी चेक का ही इस्तेमाल करें. धार्मिक स्थानों से अपील की गई है कि वो चढ़ावे के तौर पर चढ़ने वाले छोटे नोटों को तत्काल बैंकों में जमा कराएं ताकि करेंसी की मात्रा बढ़े. देश में नकदी की कोई कमी नहीं. ब्रांच पोस्ट ऑफिसों और जिला सहकारी बैंकों में नकदी की उपलब्धता भी बढ़ाई गई है.

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